Gorakhpur: महंगी बाइक का रखते थे शौक, किस्त चुकाने के लिए लूटते थे फोन, पुलिस की गिरफ्त में ऐसे आए शातिर लुटेरे
Gorakhpur News: गोरखपुर में गिरफ्तार किए गए लुटेरे पुलिस की पकड़ में आने से पहले भी बड़ी घटना की फिराक में थे. हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के कारण घटना को अंजाम होने से रोक लिया गया.
Gorakhpur Crime News: यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) की पुलिस ने दो ऐसे लुटेरों को गिरफ्तार किया है, जिनके कारनामों को सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. ये दोनों लुटेरे महंगी बाइक का शौक रखते हैं. इसी महंगी बाइक की किस्त चुकाने के लिए ये शातिर लुटेरे सड़क पर जाने वाले राहगीरों के मोबाइल के लूट (Loot) की घटना को अंजाम देते थे. पुलिस ने जब मोबाइल लूट (Mobile Loot) की एक जैसी बाइक से हुई वारदात की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) को खंगाला तो एक ही सीट पर दो सवार बैठे दिखाई दिए. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि 3 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाली ये जावा रेसर बाइक शहर में महज 6 लोगों ने खरीदी है. इसकी पड़ताल कर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
विश्वविद्यालय चौराहा से किया गिरफ्तार
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने शुक्रवार को बताया कि कैंट पुलिस ने रेसर जावा बाइक से मोबाइल लूटने वाले दो लुटेरों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के मानीराम सिक्टौर के रहने वाले पीयूष पांडेय और राजवीर जायसवाल उर्फ छोटू के रूप में हुई है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को कैंट थाना क्षेत्र के विश्वविद्यालय चौराहा के पास से गिरफ्तार किया है. पीयूष पांडेय ने तीन लाख रुपए से अधिक कीमत की जावा रेसर बाइक खरीदी और किस्त जमा करने के लिए राजवीर के साथ मिलकर लूट की घटना को अंजाम देने लगा.
गिरफ्तारी से पहले भी लूट की फिराक में थे आरोपी
गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पीयूष ने राजवीर के साथ मिलकर हाल के दिनों में कैंट थानाक्षेत्र के छात्रसंघ चौराहा के पास और राजेन्द्र नगर से मोबाइल लूट की घटना को अंजाम दिया था. अरेस्ट होने से पहले भी ये मोबाइल लूटने की फिराक में रहे हैं. लेकिन इसके पहले ही कैंट पुलिस के हत्थे चढ़ गए. शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से इन लुटेरों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. जावा बाइक पर बैठने के लिए एक ही सवार की जगह रहती है, लेकिन एक ही सीट पर दोनों आरोपी बैठ जाते थे. साइड से देखने पर लगता था कि एक ही युवक बाइक पर बैठा हुआ है. बाइक खरीदने से पूर्व पीयूष सीएमओ का ड्राइवर रहा है. इसकी आदतों से परेशान आकर सीएमओ ने पीयूष को नौकरी से निकाल दिया था.
ये भी पढ़ें -