UP News: यूपी के गोरखपुर की पुलिस सराहनीय कार्य करके खूब सुर्खियां बटोर रही है. सोशल मीडिया पर गोरखपुर की बांसगांव पुलिस की सभी सराहनीय कार्य के लिए तारीफ कर रहे हैं. भारतीय मूल के आस्‍ट्रेलियाई नागरिक राजकुमार दुबे गोरखपुर पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. वे पारिवारिक गमी में शामिल होने के लिए आए थे. वे आस्‍ट्रेलिया सरकार में चाटर्ड एकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं. उनका लैपटॉप बैग गलती से किसी यात्री से बदल गया. गोरखपुर की बांसगांव पुलिस ने उस बैग को मोबाइल और पासपोर्ट समेत तमाम जरूरी दस्‍तावेजों के साथ 90 मिनट के भीतर ही बरामद कर उन्‍हें सुपुर्द कर दिया.


क्या है मामला
गोरखपुर के मूल निवासी और वर्तमान में आस्‍ट्रेलिया के नागरिक राजकुमार दुबे वहीं की नागरिकता ले चुके हैं. वहां पर वे आस्‍ट्रेलिया सरकार में सीए हैं. आस्‍ट्रेलिया सरकार के काम करने वाले 50 हजार कर्मचारियों के सैलरी के भुगतान की जिम्‍मेदारी उन्‍हीं के ऊपर है. उसका सारा डाटा और मोबाइल के साथ कागजात और अन्‍य डाक्‍यूमेंट लैपटाप के साथ बैग में रहे हैं. वे बस से कौड़ीराम पहुंचे थे. उन्‍हें बड़हलगंज के भीटीदूबे महुआपार गांव जाना था. बस जब कौड़ीराम से चली, तो उन्‍हें एहसास हुआ कि उनका बैग बस में नहीं है. उन्‍होंने बैग को काफी खोजने की कोशिश की. बैग नहीं मिला, तो वो कौड़ीराम पुलिस चौकी पर पहुंचे.


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कैसे बदला बैग
गोरखपुर के बांसगांव के सीओ और बांसगांव के इंस्‍पेक्‍टर के साथ कौड़ीराम चौकी की पुलिस ने तत्‍परता दिखाते हुए सर्विलांस के माध्‍यम से राजकुमार दुबे का बैग 90 मिनट के भीतर ही खोज लिया. दरअसल, उनके बगल में बैठा शख्‍स गलतफहमी में उनका बैग अपना समझकर साथ लेता गया. जब वो शख्‍स मिला, तो उसे अपनी गलती का अहसास हुआ. पुलिस ने इसे मानवीय भूल मानते हुए उस युवक से बैग लेकर राजकुमार को सुपुर्द कर दिया.


क्या बोले सीए
बैग मिलने के बाद राजकुमार की आंखों में आंसू आ गए. वे गोरखपुर पुलिस को धन्‍यवाद देते हुए कहने लगे कि वे आस्‍ट्रेलिया सरकार में सीए के पद पर कार्यरत हैं. वे वहीं के नागरिक भी हैं. मूलतः वे यहां के रहने वाले हैं. एक पारिवारिक गमी में सम्मिलित होने के लिए वे गोरखपुर आए थे. उन्‍होंने गोरखपुर और गोरखपुर की बांसगांव पुलिस का धन्‍यवाद देते हुए उनकी तारीफ की. वीडियो में वे ये भी कहते हुए दिख रहे हैं कि आपको पता है कि सैलरी कितनी महत्‍वपूर्ण होती है. 50 हजार लोगों की सैलरी का भुगतान नहीं हो पाता, तो आप समझ सकते हैं कि आस्‍ट्रेलिया में उन अधिकारियों और कर्मचारियों के ऊपर कितना बड़ा संकट आ जाता. 


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