Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में तीन दिन पहले चंडीगढ़ के व्यापारी से 3 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने और उसके घर के बाहर फायरिंग के आरोपी गोल्डी बराड़ गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस गोरखपुर में उनके मददगारों की तलाश कर रही है. लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग का गोरखपुर से पुराना नाता है. पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में अंबाला पुलिस ने गोरखपुर के रहने वाले असलहा सप्लायर शशांक पाण्डेय को भी अरेस्ट किया था. उसके अरेस्ट होने के बाद खुलासा हुआ था कि गैंग को वो बिहार निर्मित अत्याधुनिक असलहों की सप्लाई करता रहा है.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद वो गोरखपुर भी आया था और अपने दोस्त के घर रुका था. उसने यहां दोस्तों के साथ पार्टी भी की थी और खूब रुपए लुटाए थे. तीनों आरोपियों ने गोल्डी बराड़ गैंग का सदस्य बताते हुए चंडीगढ़ के व्यापारी से तीन करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी. रुपए नहीं देने पर 19 जनवरी को सुबह 4 से 5 बजे के बीच उनके घर के बाहर फायरिंग की गई.
मूलतः बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले शशांक पाण्डेय का परिवार 10 साल पहले गोरखपुर में आया था. लेकिन पांच साल पहले पिता की मौत के बाद अब यहां पर कोई नहीं रहता है. हरियाणा के अंबाला में 23 जुलाई 2022 को गैंग के तीन सदस्यों और असलहों के साथ वो गिरफ्तार हुआ था. शशांक गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के सिंघडि़या आदर्श नगर में दो साल पहले बंद हो चुकी नमकीन फैक्ट्री में परिवार के साथ रहा करता था.पांच साल पहले पिता नित्यानंद पांडेय की मौत के बाद उसकी मां गांव लौट गई और वो पॉलिटेक्निक की पढ़ाई के लिए मथुरा चला गया. इसके बाद वो लारेंस-बराड़ गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया.
पंजाब, यूपी पुलिस ने किया ज्वाइंट ऑपरेशन
यूपी के गोरखपुर में 4 फरवरी को कैंट थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के पास से गोल्डी बराड़ गैंग के तीन गुर्गों को पंजाब और यूपी की गोरखपुर पुलिस ने ज्वॉइंट ऑपरेशन में अरेस्ट किया था. तीनों की पहचान पंजाब के मोहाली जिले के बनुर थाना क्षेत्र के देवीनगर अबरो वास गांव के रहने वाले कमलप्रीत सिंह, कलौली गांव के रहने वाले अमृतपाल सिंह और मोहाली के डेराबसी थानाक्षेत्र के कलौली गांव के रहने वाले प्रेम सिंह के रूप में हुई है. गोरखपुर पुलिस अब उनके मददगारों की तलाश में जुटी है. पुलिस ये पता लगा रही है कि यहां पर उनकी मदद किसने की है.
गोल्डी बराड़ गैंग का गोरखपुर से कनेक्शन
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के गुर्गों का पहले भी गोरखपुर से नाता रहा है. कैंट थानाक्षेत्र के सिंघड़िया का रहने वाला शशांक पाण्डेय इस गैंग को असलहे की सप्लाई करता था. उसी असलहे से मूसेवाला की हत्या हुई थी. बिहार के पश्चिम चंपारण जिले का मूल निवासी शशांक पाण्डेय मुंगेर से असलहे ले जाकर गैंग को बेचता था. यूपी की गोरखपुर पुलिस और पंजाब पुलिस ने ज्वॉइंट ऑपरेशन में जिन तीन बदमाशों को पकड़ा है, वे भी इस नेटवर्क के बूते छिपने का ठिकाना तलाश रहे थे. पुलिस की माने तो वे नेपाल भागने की फिराक में भी रहे हैं. बताया जा रहा है कि ठिकाने की तलाश में वे पहले बिहार गए. जब वहां कोई ठिकाना नहीं मिला, तब वे गोरखपुर आ गए.
दोस्तों को बताया कि नौकरी करता हू
शशांक ने दोस्तों को बताया था कि उसे अंबाला में नौकरी मिल गई है, लेकिन वहां लारेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग से जुडक़र लूट की वारदात करने के साथ ही असलहा की सप्लाई करने लगा. 23 जुलाई 2022 को असलहा के साथ शशांक और उसके साथियों को अंबाला पुलिस ने पकड़ा. गोरखपुर से इसके कनेक्शन के बाद कैंट थाना पुलिस ने भी खोजबीन शुरू कर दी, लेकिन बदमाश का यहां कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला.
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