Gorakhpur Crime News: गोरखपुर पुलिस की रडार पर आने के बाद आतंक का पर्याय बन चुकी 10 लेडी डॉन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. लेडी डॉन के साम्राज्य को जब्त करने की कार्रवाई चल रही है. पुलिस की लिस्ट में सबसे ऊपर नाम लेडी डॉन किशुन कुमारी उर्फ पंडिताइन का है. स्‍मैक के गोरखधंधे से 35 वर्षों में पंडिताइन ने करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है. बीते साल पंडिताइन की 13.52 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. गीता, रिंकू, अहमदुन्निशा, कलमी, उर्मिला समेत 10 लेडी डॉन के नाम अब भी पुलिस की रडार पर है.


पुलिस ने खोली लेडी डॉन की हिस्ट्रीशीट


एसपी सिटी कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश और एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने अपराधियों के खिलाफ मुहिम शुरू की है. अक्‍टूबर माह में जिलाधिकारी के आदेश से पंडिताइन पर कार्रवाई की गई. गैंगस्‍टर की कार्रवाई के साथ पंडिताइन को जेल भी भेजा गया था. कृष्‍ण कुमार बिश्‍नोई ने बताया कि पंडिताइन का मीर कॉलोनी स्थित तीन मंजिला मकान, मेडिकल कॉलेज रोड पर नीलकंठ स्‍वीट्स नाम से तीन मंजिला व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान, हरिसेवकपुर में परिवार के सदस्‍यों को दिलाई गई जमीन को कुर्क किया गया है.


अवैध संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई


संपत्ति की अनुमानित मार्केट वैल्‍यू 13 करोड़, 52 लाख 50 हजार रुपए है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अपराध से कमाई गई संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई अपराधियों के लिए सबक है. सरकार एनडीपीएस एक्‍ट और गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत संपत्ति को सीज करने की कार्रवाई करेगी. पंडिताइन के खिलाफ साल 2002 से अब तक 15 मुकदमें दर्ज रहे हैं. गैंगस्‍टर एक्ट के दो मामले शाहपुर और राजघाट में दर्ज हैं. साल 2021 में सबसे पहले तिवारीपुर की लेडी डॉन गीता तिवारी की हिस्ट्रीशीट खोली गई. तिवारीपुर इलाके के सूर्य विहार कॉलोनी निवासी गीता तिवारी का नाम हिस्ट्रीशीट नंबर 93ए पर दर्ज है. गीता तिवारी पर हत्या के प्रयास, लूट और गैंगस्टर सहित कई मामले दर्ज हैं.


जनप्रतिनिधि रहे शिवकुमार के साथ शादी से पहले गीता तिवारी संवासिनी गृह में रहती थी. चार साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई. पति केधंधे को गीता तिवारी ने संभाल लिया. शिवकुमार पत्नी गीता के साथ कोतवाली इलाके में किराए के मकान पर रहता था. करीब दस साल पहले गीता तिवारी के घर दबिश में पांच अपराधी पकड़े गए थे. मामले में पहली बार गीता जेल गई थी. अंतिम बार उसे 2021 में जेल भेजा गया था. मामला जन्मदिन पार्टी में घर पर फायरिंग का था. वर्तमान में गीता तिवारी जमानत पर बाहर है. कहला गांव की निवासी रिंकी गोस्वामी का नाम थाने के हिस्ट्रीशीट नंबर एक ए पर दर्ज है.


उसके खिलाफ हत्या की कोशिश, साजिश रचने, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत छह केस दर्ज हैं. आरोप है कि रिंकी गोस्वामी उर्फ रिंकू पशु तस्करों के साथ मिलकर गिरोह का संचालन करती है. जेल में तैनात बंदी रक्षक की कार से चलने वाली रिंकी से उलझने में पुलिस कर्मचारी भी बचते रहे हैं. साल 2017 में रिंकी ने कौड़ीराम में तैनात एक दारोगा पर जानलेवा हमला किया. घटना तब हुई जब रिंकी तस्करी के पशु ले जा रही थी. रोकने के दौरान दारोगा पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई थी.


इस मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ था. गोरखपुर पुलिस ने 36 बदमाशों की हिस्‍ट्रीशीट खोली. उसमें 8 महिला बदमाशों को भी शामिल कर हिस्ट्रीशीट खोल दी गई. पुरुष बदमाशों की तरह इन महिला बदमाशों की भी निगरानी की जा रही है. हर हफ्ते थाने पर आकर हाजिरी लगानी होती है. पुलिस भी घर जाकर वर्तमान भूमिका की निगरानी करती है. चकरा अव्वल निवासी मंजू निषाद नशे के साथ ही चोरी के आरोप में भी जेल जा चुकी है. स्वर्गीय छेदी निषाद की पत्नी मंजू पर दस मुकदमे दर्ज हैं. मंजू के खिलाफ एनडीपीएम एक्ट, गैंगस्टर, चोरी के मुकदमे दर्ज हैं.


एसएसपी के आदेश पर 21 सितंबर 2022 को हिस्ट्रीशीट राजघाट पुलिस ने खोल दी और अब निगरानी भी की जा रही है. अपराध से कमाई गई अकूत संपत्ति पर पुलिस की नजर है. ब्योरा जुटाकर गैंगस्टर की कार्रवाई के तहत जब्त किया जा सकता है. महिला अपराधियों में अहमदुन निशा पत्नी इकबाल हुसैन उर्फ पप्पू कबाड़ी, आरती देवी पत्नी देवा (देउरवीर, गगहा), कलमी पत्नी इंद्रजीत उर्फ अमरजीत (देवरिया, भस्मा, बेलीपार), रिंकू पत्नी सुनील (करवनिया, बड़हलगंज), रिंकू पत्नी दिनेश (लक्ष्मीपुर, बड़हलगंज), उर्मिला देवी पत्नी सीताराम (अमहिया, झंगहा) के नाम दर्ज हैं.


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