बर्ड फ्लू की आशंका के बीच पोल्ट्री उद्योग चलाने वालों की बढ़ी परेशानी, जानें- क्यों औने-पौने दाम पर बिक रहे हैं मुर्गे
वैश्विक महामारी कोरोना के बाद यूपी में बर्ड फ्लू की दस्तक से हड़कंप मचा हुआ है. बर्ड फ्लू की आशंका के बीच शासन ने पूरे यूपी में अलर्ट घोषित कर दिया है. 500 करोड़ के पोल्ट्री कारोबार पर खतरा मंडराने लगा है.
गोरखपुर: यूपी में बर्ड फ्लू की दस्तक के बीच जहां सरकार सचेत है तो वहीं पोल्ट्री उद्योग चलाने वालों के चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दे रहा है. इसका कारण भी साफ है. बीमारी फार्म तक पहुंची, तो चूजों के मरने के डर के साथ पूंजी डूबने का खतरा भी है. ऐसे में फार्म मालिक जहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रख रहे हैं तो वहीं दवा का छिड़काव भी समय-समय पर कर रहे हैं. हालात ये हैं कि दाम आधे के करीब पहुंच गए हैं. व्यापारी औने-पौने दाम पर मुर्गे तैयार होने से पहले ही बेचने का मन बना चुके हैं.
मंदी की मार का संकट वैश्विक महामारी कोरोना के बाद यूपी में बर्ड फ्लू की दस्तक से हड़कंप मचा हुआ है. बर्ड फ्लू की आशंका के बीच शासन ने पूरे यूपी में अलर्ट घोषित कर दिया है. शासन ने हर जिले में पत्र भेजकर जिला प्रशासन को अलर्ट घोषित किया है. कोरोना काल में संकट के दौर से गुजरे पोल्ट्री उद्योग पर एक बार फिर मंदी की मार का संकट गहराने लगा है. बर्ड फ्लू की देश में दस्तक के बीच अब लोगों को इसका डर सताने लगा है. इसका सीधा असर पोल्ट्री उद्योग से जुड़े व्यापार पर पड़ रहा है. बर्ड फ्लू की वजह से दाम लगभग आधे हो गए हैं.
फायदा कम हो गया है गोरखपुर के मानीराम सिक्टौर के पोल्ट्री फार्म चलाने वाले अनूप सिंह ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल मार्जिन कम हो रहा है. जो बीमारी चली है, उससे काफी नुकसान हो रहा है. एक किलो के पीछे मिलने वाला फायदा भी कम हो गया है. 60 से 65 रुपए प्रतिकिलो कीमत आ गई है. बीमारी आने पर पूरे मुर्गे मर जाते हैं इसलिए वे जल्द से जल्द फार्म खाली करना चाहते हैं. 12 दिन के बच्चे हैं. 1500 चूजे हैं. अभी एक पाव के हैं. ज्यादा इंतजार नहीं करेंगें. आधा किलो का होते ही बेच देंगे. सरकार मदद कर दे, तो अच्छा है.
बर्ड फ्लू की दहशत मानीराम सिक्टौर के रहने वाले पोल्ट्री फार्म के मालिक संतोष सिंह ने 1500 चूजे डाले हैं. ढाई से तीन लाख रुपए लागत लग जाती है. बीमारी से डर सता रहा है. फायदा कहां कमा पाएंगे. ये 12 दिन के हुए हैं. मार्केट में 60-70 रुपए का रेट चल रहा है. पहले 130 से 140 रुपए चल रहा था. बर्ड फ्लू का असर दिख रहा है. रोज दवा छिड़क रहे हैं. अभी नहीं बिका तो 40-50 हजार रुपए का नुकसान हो जाएगा. सरकार को फार्म चलाने वाले लोगों पर भी ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोराना काल में भी उन लोगों का उद्योग संकट से गुजर चुका है. अब कुछ उम्मीद बंधी तो बर्ड फ्लू की दहशत की वजह से उन्हें मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
सरकार मदद कर दे तो राहत हो जाएगी मुर्गी फार्म चलाने वाले घनश्याम ने बताया कि जब से बिजनेस शुरू किया है, नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इसके पहले ढाई लाख रुपए की पूंजी कोरोना काल में डूब चुकी है. इस बार भी नुकसान का डर सता रहा है. 1500 चूजे डाले हैं. पहले एक किलो का 120 मिल जाता रहा है. अब रेट 60-65 पर आ गया है. सरकार मदद कर देगी, तो थोड़ी राहत हो जाएगी. इधर बीमारी आ गई, तो पूरा फार्म साफ हो जाएगा. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में बर्ड फ्लू की वजह से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. 12 दिन के बच्चे हुए हैं. 45 दिन में तैयार होते हैं. किसी तरह से पूंजी निकल जाए तो अच्छा है.
खड़ा हो सकता है रोजी-रोटी का संकट कहना गलत नहीं होगा कि बर्ड फ्लू के खतरे के बीच 500 करोड़ के पोल्ट्री कारोबार पर खतरा मंडराने लगा है. गोरखपुर मंडल के चार जिलों में पोल्ट्री उद्योग में कारोबारियों ने 500 करोड़ रुपए का निवेश किया है. गोरखपुर मंडल में 1200 से अधिक लेयर फार्म हैं. जिसमें सर्वाधिक लेयर फार्म देवरिया जिले में हैं. यहां लगभग 400 लेयर फार्म से हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है.
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