गोरखपुर: पंचायत चुनाव में भारी मात्रा में नकली शराब खपाने की मंशा के साथ शराब तस्कर सक्रिय हो गए हैं. बड़े ब्रांड के नाम से देसी और अंग्रेजी नकली शराब बनाकर बेचने वाले एक तस्कर को आबकारी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. तस्कर का भाई भी नकली शराब बनाने और उसकी तस्करी करने में शामिल रहा है. पुलिस और आबकारी टीम उसकी तलाश कर रही है. दोनों के मकान से भारी मात्रा में स्प्रिट के साथ नकली शराब बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं.
चलाया जा रहा है विशेष अभियान
जिलाधिकारी के निर्देश पर गोरखपुर में आबकारी विभाग की तरफ से विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान के तहत कैम्पियरगंज थानाक्षेत्र के रिगौली बन्धे पर भगवानपुर के रहने वाले रामकिशुन को गिरफ्तार किया गया है. रामकिशुन के पास से 10 लीटर स्प्रिट और बनी हुई नकली शराब बरामद हुई. उसके उसके भाई रामविशुन के घर पर तलाशी ली गई तो वहां से ने विदेशी ब्रांड की शराब के 1950 ढक्कन, देसी शराब के 17000 ढक्कन, एक रोल नकली क्यूआर कोड और 50 लीटर स्प्रिट बरामद हुआ.
तैयार करते थे नकली शराब
आबकारी टीम की पूछताछ में रामकिशुन ने बताया कि उसे नकली ढक्कन गोरखपुर में रहने वाले बबलू खरबार और अमित मंझवार ने दिया है. पहले भी बबलू खरबार के खिलाफ थाना कैंट और राजघाट थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इसके अलावा अमित मंझवार के खिलाफ थाना रामगढ़ ताल में एफआईआर दर्ज की गई थी. पूर्व में इनके पास से बड़ी मात्रा में बेतियाहाता और इन्दिरानगर में गौशाला से बड़ी मात्रा में नकली ढक्कन, रैपर और क्यूआरकोड बरामद किए जा चुके हैं.
पंचायत चुनाव पर थी नजर
आबकारी निरीक्षक राकेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी के मुताबिक पंचायत चुनाव को लेकर ये लोग गांव में इसकी सप्लाई करने की प्लानिंग कर रहे थे. इससे पहले भी ये लोग पकड़े जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि नकली विदेशी शराब की सप्लाई गांव के ही किसी सूरज नाम के व्यक्ति को ये लोग देने वाले थे. पकड़े गए सामान के आधार पर यदि इतने सामानों से नकली शराब बनाई जाती तो लगभग 15 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान होता. पकड़े गए शख्स ने बताया कि नकली शराब बनाने का कच्चा माल ये लोग दिल्ली से लाते हैं.
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