Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर में भारी तनाव के बीच सेना के जवान (Army Corps) धनंजय के पार्थिव शरीर का शनिवार की सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया. धनंजय की अंतिम यात्रा में लोगों का जनसैलाब (crowd) उमड़ पड़ा. इकलौते पुत्र होने की वजह से धनंजय के चचेरे भाई सोनू यादव ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. जब तक सूरज चांद रहेगा, धनंजय तेरा नाम रहेगा और भारत माता की जय के उद्घोष के बीच उसके पार्थिव शरीर (mortal remains) का अंतिम संस्कार किया गया. घाट पर हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने सेना के जवान धनंजय को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
भीड़ ने किया हंगामा
शुक्रवार की शाम उनका शव गोरखपुर पहुंचने के बाद आक्रोशित भीड़ ने चौरीचौरा में ट्रेन रोकने के साथ भोपा बाजार में चक्का जाम, आगजनी और पत्थरबाजी कर दी. पुलिस के एक दर्जन वाहनों को भी उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. डीएम-एसपी समेत आला अधिकारियों के साथ पुलिस के जवानों ने भी भागकर जान बचाई. इसके बाद कई थानों की पुलिस और पीएसी के जवानों ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर किया गया.
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परिजनों ने रखी यह मांग
गोरखपुर में झंगहा थाना क्षेत्र के राघोपट्टी पड़री टोला फैलहा के रहने वाले रामनाथ यादव और फूलमती देवी के 30 वर्षीय पुत्र सेना के जवान धनंजय यादव का गोरखपुर के चौरी चौरा के नई बाजार इटऊवा घाट पर शनिवार की सुबह अंतिम संस्कार किया गया. मृतक के परिजनों की मांग है कि धनंजय को शहीद का दर्जा देते हुए सैनिक सम्मान मिले. उसकी छोटी बहन आरती को सरकारी नौकरी दी जाए. नई बाजार-फैलहा सड़क का नाम धनंजय के नाम पर हो. 50 लाख रुपए की सहायता राज्य सरकार दे. रेजीमेंट के सीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. घटना की न्यायिक या सीबीआई से जांच कराई जाए. मां फूलमती और पिता रामनाथ यादव को भरण-पोषण के लिए सरकारी सहायता दी जाए.
सेना में हवलदार पद पर थे तैनात
धनंजय सेना में शिक्षक हवलदार के पद पर कार्यरत रहे हैं. धनंजय माता-पिता के इकलौते कमाऊ पुत्र रहे हैं. परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी एक छोटी बहन आरती ही माता-पिता का अंतिम सहारा है. धनंजय आर्मी एजुकेशन कोर हेडक्वार्टर 112 माउंटेन बिग्रेड यूनिट 4/5 जीआर सिक्किम एचआरडीसी छातन में तैनात रहे हैं. मंगलवार को ड्यूटी के दौरान ही उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में उनकी मौत हो गई थी. परिजनों को सेना की ओर से उनके सुसाइड करने की बात बताई गई. परिजनों ने वहां जाकर शव को शुक्रवार की शाम जीआरडी मुख्यालय गोरखपुर लाए. आरोप है कि धनंजय को वो सम्मान नहीं मिला जो सेना के जवान को मिलना चाहिए.
राज्य सरकार के तरफ से मिले सम्मान निधि
सेना के जवान धनंजय के पिता रामनाथ यादव ने घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान दुखी मन से कहा कि कल की घटना को आप लोगों ने देखा. वे मांग करते हुए थक गए हैं. लड़का चला गया. एक लड़की आरती है. उसकी शादी में मदद हो. इसके अलावा उसके सरकारी नौकरी दी जाए. राज्य सरकार की ओर से सम्मान निधि दी जाए. शासन उनके साथ है, तो शहीद का दर्जा बेटे को दिया जाए. शासन और प्रशासन पर उम्मीद है कि वे उनके पक्ष में कोई निर्णय लेंगे.
नियम के अनुसार होगी मदद
गोरखपुर के एसपी सिटी सोनम कुमार ने कहा कि आठ वर्षों तक उन्होंने आर्मी में सेवा दी. डीएम और वे खुद यहां पर हैं. सेना के अधिकारी और जवान भी यहां पर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो परिजनों की मांग है नियमानुसार जो भी सैनिक के साथ दुर्घटना या घटना होती है, उसके अलग-अलग प्रोविजन भी होती है. सेना के अधिकारी भी आए हैं. जो भी नियमानुसार मदद होगी, वो की जाएगी. कल जो घटना हुई है, उपद्रवियों की ड्रोन से पहचान कर उनके उपद्रव करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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