Gorakhpur Riots 2003: गोरखपुर दंगे का मुख्य आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. साल 2007 में गोरखपुर दंगा हुआ था, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दंगे के बाद 11 दिन जेल में गुजरने पड़े थे. तत्कालीन गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ जमानत पर छूटने के बाद 12 मार्च 2007 को संसद में फूट-फूट कर रोए थे. 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी ने पुलिस को बेटे राजकुमार अग्रहरि की हत्या की जानकारी थी.
साल 2007 में मोहर्रम के दिन जुलूस के दौरान यह घटना हुई थी. आरोपियों ने राजकुमार अग्रहरि को टारगेट कर शिकार बनाया था. आरोपियों ने तलवार और चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर उसकी हत्या कर दी थी. इस हत्या के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था. गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के एक मिनारा मस्जिद नसीराबाद के पास आमलेट के ठेले पर विवाद के बाद गोरखपुर के तिवारीपुर थाना क्षेत्र के निजामपुर के रहने वाले मोहम्मद शमीम पुत्र शफीउल्लाह और उसके साथियों ने राजकुमार अग्रहरि को चाकुओं से गोद दिया था.
मृतक राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र अग्रहरि ने फिर ने मोहम्मद शमीम और उसके साथियों के खिलाफ तहरीर दी थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149, 298 के तहत किस दर्ज किया था. आमलेट के ठेले पर किसी बात को लेकर मृतक राजकुमार अग्रहरि से विवाद हुआ था, इसके बाद मोहम्मद शमीम और उसके साथियों ने एकजुट होकर धर्म सूचक गालियां देते हुए राजकुमार को ताबड़तोड़ हमला कर दिया था. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में राजकुमार की मौत हो गई थी और शमीम को कोतवाली पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेजा था.
हालांकि 16 अगस्त 2007 को कोर्ट से शमीम को जमानत मिल गई थी, इसके बाद से ही वह फरार हो गया. कोर्ट के गैर जमानती वारंट जारी करने के बावजूद वह तारीख पर हाजिर नहीं हो रहा था, इस मामले में उसे साल 2012 में कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. पुलिस ने 11 सितंबर को उसे उसके तिवारीपुर के निजामपुर स्थित घर से अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
पुलिस की जीप से निकालकर किया था चाकूओं से हमला
बताया जाता है कि घटना के दिन तिवारीपुर थाना क्षेत्र से मोहर्रम का जुलूस निकल रहा था. इसी दौरान कोतवाली थाना क्षेत्र के एक मिनारा मस्जिद नफीसाबाद के पास तलवार और चाकू से राजकुमार पर हमला किया गया था. जुलूस के साथ मौजूद पुलिस टीम ने घायल अवस्था में जब राजकुमार को जीप में अस्पताल ले जाने के लिए पीछे बेसुध हालत में रखा तो आरोपियों ने दोबारा उसे जीप से खींचकर ताबड़तोड़ हमला कर दिया था. इसके बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया था और काफी माहौल खराब होने के बाद घटना के विरोध में सड़क पर उतरे तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और उनके साथ मौजूद लोगों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया था.