Gorakhpur News: रोडवेज बस चालकों ने किया चक्का जाम, नए कानून को वापस लेने की मांग, यात्री हुए परेशान
Strike of Roadways Buses: केंद्र सरकार ने नए कानून में सड़क दुर्घटना के बाद सख्त सजा का प्रावधान किया है. विरोध में साल के पहले दिन चालक हड़ताल पर चले गए. हडताल का असर गोरखपुर में भी देखा गया.
UP News: गोरखपुर में नए साल के पहले दिन सोमवार को रोडवेज चालकों ने चक्का जाम कर दिया. रोडवेज बसों का पहिया थमने की वजह से यात्रियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा. बस स्टेशनों पर यात्री भटकते नजर आए. बता दें कि ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था. सोमवार की सुबह रोडवेज बसों के चालक हड़ताल पर चले गए. बस चालकों ने चक्काजाम कर नए कानून का विरोध जताया. केंद्र सरकार ने नए कानून में सड़क दुर्घटना के बाद सख्त सजा का प्रावधान किया है. दुर्घटना के बाद मौके से फरार होने पर बस चालक को 5 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है.
रोडवेड की बसों के थमे पहिए
नए कानून के विरोध में सरकारी बसों के चालक पूरे भारत में एक साथ हड़ताल पर चले गए हैं. उन्होंने काले कानून को जल्द से जल्द वापस लेने की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि बस से दुर्घटना होने पर भीड़ सबसे पहले चालक को मौत के घाट उतारने की कोशिश करती है. गुस्साई भीड़ बस को भी आग के हवाले कर देती है. हादसा के बाद जान बचाना चालक की पहली प्राथमिकता होती है. भीड़ से बचने के बाद पुलिस को दुर्घटना की जानकारी चालक जरूर दे देते हैं. चालक भी नहीं चाहते कि हादसे का शिकार हुए शख्स के साथ अनहोनी होने पाए.
नए कानून का हो रहा विरोध
रोडवेज बस चालकों के हड़ताल का असर सबसे ज्यादा आम लोगों पर पड़ रहा है. लोग बसों के लिए दर-दर भटकते नजर आए. हड़ताल के कारण निजी गाड़ियों के ड्राइवरों की चांदी हो गई. प्राइवेट बस चालक यात्रा के नाम पर लोगों से दोगुना और तिगुना किराये की वसूली कर रहे हैं. यूपी रोडवेज गोरखपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक लव सिंह का कहना है कि बेड़े में बस और चालक दोनों उपलब्ध है. सुरक्षा की दृष्टि से बसों को डिपो से रवाना नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल की लिखित जानकारी किसी भी संगठन ने नहीं दी है. सुबह आवागमन जारी रहा. हड़ताल को देखते हुए बसों का संचालन प्रभावित हुआ है.