Kedarnath Shukla of Gorakhpur becomes IAS officer: इंसान यदि ठान ले तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता. ये कोई किताबी ज्ञान नहीं बल्कि हकीकत है और इसकी मिसाल बने हैं गोरखपुर के केदारनाथ शुक्ला जिन्होंने लेखपाल की नौकरी करते हुए यूपीएससी की परीक्षा में 465वीं रैंक हासिल कर अपने गांव और गोरखपुर का नाम रोशन किया है.



केदारनाथ शुक्ला के गांव में दौड़ी खुशी की लहर


केदारनाथ शुक्ला ने नवोदय विद्यालय पीपीगंज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त साल 2016 में इग्नू से बीए किया और उसके बाद बतौर लेखपाल सरकारी नौकरी पाई. लेकिन उनका मन आईएएस बनकर देश सेवा करने का था. इसलिए उन्होंने लेखपाल रहते हुए ही यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की. केदारनाथ ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम कुलदीप मीना से यूपीएससी की तैयारी के लिए छुट्टी की गुहार लगाई. कुलदीप मीना ने भी उनकी इच्छाशक्ति को देखते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारी करने के लिए एक साल की छुट्टी दे दी.  आज इस किसान के बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है. उनकी कामयाबी से उनका परिवार ही नहीं बल्कि पूरे गांव सुगौना में खुशी की लहर है.


एसडीएम कुलदीप मीना को दिया सफलता का श्रेय


केदारनाथ शुक्ला किसान ओमकार नाथ शुक्ला, माता कालिंदी देवी के 9 बच्चों मीनू, ममता, प्रीति, इंदु, बबीता, क्षमा, प्रिया में सबसे छोटे हैं. केदारनाथ ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता भाई के अलावा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सदर कुलदीप मीना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित महाजन को दिया है. केदारनाथ शुक्ला ने बताया कि अगर एसडीएम साहब मुझे पढ़ाई के लिए छुट्टी नहीं देते तो मैं मुकाम हासिल नहीं कर पाता. एक सामान्य परिवार से आने वाले केदारनाथ ने नौकरी पर रहते यूपीएससी  की परीक्षा पास कर यह साबित कर दिखाया है कि आप चाहे साधारण परिवार में जन्में हों या समृद्ध परिवार में यदि आपमें अपने लक्ष्य के प्रति जुनून है तो आपको कामयाबी हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता.


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