Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान से लौटे गोरखपुर के शैलेन्द्र शुक्ला, बोले- सबसे प्यारा है अपना हिन्दुस्तान
Taliban in Kabul: गोरखपुर (Gorakhpur) के शैलेन्द्र शुक्ला (Shailendra Shukla) अफगानिस्तान (Afghanistan) से भारत घर लौट आए हैं. वतन लौटने पर उन्होंने कहा कि सबसे प्यारा अपना हिन्दुस्तान ही है.
Afghanistan Taliban Crisis: अफगानिस्तान (Afghanistan) के काबुल (Kabul) में फंसे गोरखपुर (Gorakhpur) के शैलेन्द्र शुक्ला घर वापस आ गए हैं. जिस घर में मायूसी का सन्नाटा पसरा था शैलेन्द्र के घर वापस आते ही वहां खुशियां भी लौट आई हैं. गोलियों की तड़तड़ाहट और मौत के मंजर के बीच शैलेन्द्र और उनके साथ फंसे 17 लोग उम्मीद खो चुके थे. घर वापस पहुंचकर शैलेन्द्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi), मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के साथ मीडिया का भी धन्यवाद देते नहीं थकते हैं. वो कहते हैं कि अफगानिस्तान के हालात और गरीबी देखकर उन्हें यही लगा कि सबसे प्यारा अपना हिन्दुस्तान ही है. वो जीवित वापस लौटकर आ गए, काफी खुश हैं.
खुश है परिवार
गोरखपुर के चौरीचौरा के दुबौली के रहने वाले टेक्नीशियन शैलेन्द्र शुक्ला सोमवार को अपने घर लौटे तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. शैलेन्द्र की मां इन्दू देवी, पत्नी कालिंदी और दो बच्चे 9 साल का विपुल और 7 साल के दीपांजल भी काफी खुश हैं. 19 अगस्त तक जिस घर में मायूसी थी. वहां आज शैलेन्द्र के साथ ढेर सारी खुशियां भी लौट आई हैं. परिवार का छोटा बेटा शैलेन्द्र जब अफगानिस्तान में फंस गया तो परिवार वालों के दिन का चैन और रातों की नींद भी उड़ गई थी.
मां ने मिठाई खिलाकर किया स्वागत
शैलेन्द्र शुक्ला सोमवार को दोपहर अपने घर सही सलामत पहुंच गए. चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के राघवपट्टी पड़री गांव के फैलहा में उनका परिवार रहता है. उन्होंने घर पहुंचते ही सरकार और मीडिया का धन्यवाद दिया. मां इन्दू देवी ने मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया. शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि वहां का माहौल अपने देश से काफी बुरा है. वहां के लोगों की स्थित देखकर रोना आ रहा है. पूरे विश्व में अपना भारत बहुत अच्छा है. वतन वापसी के पहले के मंजर के बारे में बताते हुए शैलेन्द्र शुक्ला सिहर जाते हैं. उनकी मां इन्दू देवी उनकी सकुशल वापसी से बेहद खुश हैं.
150 लोगों को बंधक बना लिया था
शैलेन्द्र शुक्ला बताते हैं कि तालिबानियों ने 150 लोगों को बंधक बना लिया था. काबुल एयरपोर्ट पहुंचने पर वो लोग पूरी रात वहां खड़े रहे. इसके पहले उनकी बस को कहीं नहीं रोका गया. इसके बाद तालिबानी आए और उन्हें एयरपोर्ट के अंदर एंट्री कराने की बात कहकर साथ ले गए. वहां एक बड़े से हॉल में उन लोगों को रखा गया. बड़ी-बड़ी बंदूकों के बीच घिरे कुछ भारतीय रोने लगे. उनमें से कुछ हिम्मती लोग उनसे बात करने लगे. इसी बीच भारतीय मीडिया के माध्यम से उन लोगों को बंधक बनाने की खबर सरकार तक पहुंची.
भारत वापसी की उम्मीद जगी
खबर प्रसारित होने और सरकार की सख्ती के 4 से 5 घंटे के बाद उन लोगों को तालिबानियों ने एयरपोर्ट पहुंचाया. इसके पहले अपनी अच्छी छवि दिखाने के लिए उन लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई. अमेरिकी फौज के हवाले होने के बाद उन लोगों को भारत वापसी की उम्मीद जगी. उन्होंने बताया कि इसके बाद उन लोगों को बताया गया कि उनका डोमेस्टिक विमान आएगा, उसके बाद उन्हें वापस भेजा जाएगा. इसके बाद वो लोग भारत वापस लौटे.
17 साल से विदेश में रह रहे हैं शैलेन्द्र शुक्ला
भारत लौटने के बाद उन्हें लगा कि अब वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं. अफगानिस्तान का मंजर देखकर उन लोगों को ऐसा लग रहा था कि अब वो जिंदा वापस नहीं लौट पाएंगे. सरकार और मीडिया की वजह से ही वो अपने वतन भारत लौट सके हैं. वो सभी को धन्यवाद देते हैं. शैलेन्द्र शुक्ला 17 साल से विदेश में रहते रहे हैं. 11 साल तक उन्होंने श्रीलंका में काम किया है. 8 महीने नाइजीरिया में काम किया और 5 वर्ष ओमान में रहे हैं. 16 जुलाई को वो ढाई महीने के लिए अफगानिस्तान गए थे.
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