Gorakhpur News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) इन दिनों यूपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नौ साल पूरे होने पर महाजनसंपर्क अभियान चला रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को पूर्व सीएम गोरखपुर (Gorakhpur) पहुंचे जहां उन्होंने गोरखपुर के प्रसिद्ध टेराकोटा माटी शिल्प को देखा. उन्होंने यहां दुनियाभर में अपनी कारीगरी की छाप छोड़ने वाले टेराकोटा माटी शिल्प के बनने की प्रक्रिया देखा. इस दौरान वो इससे काफी अभिभूत नजर आये, उन्होंने कहा कि गोरखपुर का टेराकोटा शिल्प अद्भुत है.
मोदी सरकार के 9 वर्ष का सफल कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा चलाए जा रहे जनसंपर्क महाभियान के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बांसगांव समेत पांच लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई. इसी के चलते वो शनिवार को गोरखपुर पहुंचे, शनिवार शाम रावत गोरखपुर की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल टेराकोटा की खूबियां जानने शिल्पकारों के टेराकोटा गांव, औरंगाबाद और लंगड़ी गुलरिहा पहुंचे जहां वो इन्हें बनाने की प्रक्रिया से रूबरू हुए.
शिल्पकारों से की पूर्व सीएम ने बात
त्रिवेंद्र सिंह रावत सबसे पहले लंगड़ी गुलरिहा गांव में टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति के वर्कशेड पर पहुंचे. उन्होंने वर्कशेड में रखे टेराकोटा के तैयार व बन रहे उत्पादों को देखा और शिल्पकार से कई जानकारियां लीं. उन्होंने सवाल किया कि ओडीओपी में शामिल होने से टेराकोटा के क्षेत्र में क्या अंतर आया है? इस पर शिल्पकार राजन प्रजापति ने बताया कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल आदि मिलने से काम काफी आसान हो गया है. इससे उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है. रही बात बाजार की तो जब हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कई मंचों से टेराकोटा की खुद ब्रांडिंग करते रहते हैं तो बाजार बढ़ना ही है.
टेराकोटा की कला देख हुए मुरीद
कारीगरों ने बताया कि टेराकोटा शिल्पकारों के पास इतना काम है कि वे कोरोना काल में भी खाली हाथ नहीं बैठे थे. यह सीएम योगी की ही पहल है कि जो बैंक लोन देने में कतराते थे, आज वह घर आकर वित्तपोषण करते हैं. लंगड़ी गुलरिहा के बाद पूर्व सीएम औरंगाबाद गांव में पन्नेलाल प्रजापति व अखिलेश प्रजापति के घर पहुंचे. टेराकोटा उत्पाद देखने के बाद शिल्पकारों को मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा. इस दौरान उन्होंने शिल्पकारों से कहा कि आपका टेराकोटा नायाब है. आपके मुख्यमंत्री जी ने तो गांव की इस माटी कला को देश-दुनिया तक पहुंचा दिया है.