शिक्षक फर्जीवाड़ाः एक ही नाम और पते पर दो जिलों में पढ़ा रही हैं दो शिक्षिकाएं, ऐसे हुआ खुलासा
योगी सरकार ने फर्जी शिक्षकों को लेकर अभियान छेड़ रखा है. ऐसे में सभी फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए टीम गठित कर कार्रवाई भी की जा रही है. गोरखपुर के बीएसए की मानें तो तकरीबन सैकड़ों की संख्या में ऐसे फर्जी शिक्षक हैं जो कि जांच के दायरे में हैं.
गोरखपुर, नीरज श्रीवास्तव: सोचिए कि एक ही नाम और पते पर अभिलेखों की हेराफेरी कर दो जिलों में एक ही नाम से दो शिक्षिकाएं अध्यापन कार्य कर रही हों, तो हैरत तो होगी ही. गोरखपुर की रहने वाली प्रेमलता त्रिपाठी ने जब बीआरसी में डाक्यूमेंट वैरिफिकेशन कराया तो पता चला कि उनके नाम और पते पर उनके अलावा कोई और भी पढ़ा रहा है. जब इसकी जानकारी उन्हें हुई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. इसकी शिकायत उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से की है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
फर्जी शिक्षकों को लेकर अभियान जारी योगी सरकार ने फर्जी शिक्षकों को लेकर अभियान छेड़ रखा है. ऐसे में सभी फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए टीम गठित कर कार्रवाई भी की जा रही है. गोरखपुर के बीएसए की मानें तो तकरीबन सैकड़ों की संख्या में ऐसे फर्जी शिक्षक हैं जो कि जांच के दायरे में हैं. तकरीबन 60 के आसपास ऐसे फर्जी शिक्षक हैं जिनपर कार्रवाई भी सुनिश्चित होना तय है. एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां सहजनवा के एक स्कूल में समन्वय के पद पर कार्यरत एक महिला के नाम वाली महिला संत रविदास नगर (भदोही) जिले में कार्यरत है और सरकारी पैसे को गटक रही है.
विभाग के अंदर से हो रहा है फर्जीवाड़ा दरअसल, पूरा मामला ये है कि प्रेमलता त्रिपाठी प्राइमरी विद्यालय सहजनवां गोरखपुर में समन्वय के पद पर 6 अक्टूबर 2012 से कार्यरत हैं. जिनकी प्रथम नियुक्ति 11 फरवरी 2009 है. जोकि बस्ती जिले में विकासखंड कुदरा में प्राथमिक विद्यालय अहिल्या में थी. इनके नाम की महिला जुलाई 2011 से ज्वाइनिंग में है. उन्हें शक है कि विभाग के अंदर से ही ये फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर हो रहा है.
रोक दिया गया वेतन प्रेमलता त्रिपाठी ने बताया कि उनकी परेशानी बढ़ गई है. उनका वेतन रोक दिया गया है. बहुत से लोग इस फर्जीवाड़े के कारण परेशान हैं. इनके मानव संपदा पोर्टल पर प्रेमलता त्रिपाठी के स्थान पर प्रेमलता त्रिपाठी त्रिपाठी आ रहा है. जब सहजनवां बीआरसी पर अपने सर्टिफिकेट जांच कराने गईं, तो कंप्यूटर पर डाटा करेक्शन नहीं हो पा रहा है. पता चला कि इसी नाम और पते पर कोई अन्य शिक्षिका संत रविदास नगर में कार्यरत है.
शुरू हुई जांच प्रेमलता त्रिपाठी का मानव संपदा का कोड 312688 है. जो बीआरसी से प्राप्त हुआ है. पता चला है नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि शैक्षिक अभिलेख के वर्ष सभी कुछ प्रेमलता त्रिपाठी के अभिलेखों से पूरी तरह मिलता है. जो फर्जीवाड़े को साफ दर्शाता है. सूचना मिलने पर गोरखपुर की प्रेमलता ने अपने समस्त पत्रकों की जांच बीआरसी सहजनवा पर भी दी. बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिलकर शिकायत की. इस मामले के संज्ञान में आते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने जांच शुरू कर दी और संत रविदास नगर के बीएसए को फोन कर जानकारी दी है.
फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसने के निर्देश प्रेमलता, वंदना जैसे तमाम ऐसे नाम हैं जो फर्जीवाड़े के शिकार हुए हैं. यानी नाम, जन्मतिथि और पता एक होने पर भी एक ही अभिलेश पर दो नौकरी करने के साथ वेतन भी ले रहे हैं. योगी सरकार ने ऐसे तमाम फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. कार्रवाई का दौर भी शुरू हो गया है. यही वजह है कि लगातार फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है.
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