गोरखपुर: चौरी चौरा शहीद स्मारक का बुधवार को यूपी की राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने निरीक्षण किया. उन्होंने 4 फरवरी 1922 को शहीह हुए क्रांतिकारियों को पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. शहीद स्मारक से निकलने से पहले राज्यपाल का चौरी चौरा की विधायक संगीता यादव ने अंगवस्त्र देकर आशीर्वाद लिया. जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पांडियन ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया है. इस दौरान शहीद स्थल पर 12 से 15 साल से सेवारत क्रांतिकारियों के वंशजों की तरफ से नौकरी देने की मांग की गई.
शहीदों को किया नमन
4 फरवरी 1922 के चौरी चौरा जन आंदोलन की याद में यूपी सरकार शताब्दी वर्ष महोत्सव मना रही है. महोत्सव का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल तरीके से 4 फरवरी को किया था. कार्यक्रम में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी वर्चुअल तरीके जुड़ी थीं. मंगलवार को गोरखपुर पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मदन मोहन इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में भाग लिया. बुधवार सुबह आनंदीबेन पटेल के आने की खबर चौरी चौरा के लोगों को हुई. चारों तरफ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए. लगभग 10 बजकर 50 मिनट पर यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चौरी चौरा शहीद स्मारक का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने शहीदों की याद में बने शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनको नमन भी किया.
सरकारी नौकरी देने की मांग
इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने म्यूजियम का निरीक्षण किया. म्यूजियम का निरीक्षण करने के बाद वहां से लौटते समय आनंदीबेन पटेल ने चौरी चौरा स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों के परिजनों से मुलाकात की. अध्यक्ष रामनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में शहीदों के परिजनों ने यूपी की राज्यपाल से शहीद स्मारक में वर्षों से कार्य कर रहे लोगों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
14 वर्षों तक नहीं मिला वेतन
चौरी चौरा शहीद स्मारक में बतौर लाइब्रेरियन तैनात रवि नारायण त्रिपाठी ने कहा कि वो वर्षों से शहीद स्मारक पर कार्य कर रहे हैं. वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशज भी हैं. लेकिन, विडंबना है कि 14 वर्षों तक उनको कोई वेतन नहीं दिया गया. एक वर्ष पूर्व 2020 जनवरी से वर्तमान डीएम के विजयेन्द्र पांडियन की पहल पर नगर पंचायत से लगभग 300 रुपए प्रतिदिन का दैनिक पारिश्रमिक मिल रहा है. यूपी की राज्यपाल से उनके लिए सरकारी नौकरी की मांग पर वो काफी खुश हैं. उन्होंने अपने समिति के सदस्यों को धन्यवाद भी दिया है.
वर्षों से दे रहे हैं सेवा
चौकीदार के पद पर कार्यरत लाल बाबू यादव भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के वंशज हैं. वो भी पिछले 15 वर्षों से चौरी चौरा के शहीद स्मारक में बतौर चौकीदार अपनी सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 14 वर्ष उनको कोई पारिश्रमिक नहीं दिया गया. 2020 में वर्तमान जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पांडियन की पहल पर नगर पंचायत मुंडेरा बाजार से इनको भी कुछ अंशदान पारिश्रमिक के रूप में दिया जा रहा है. लेकिन, अब इनकी मांग है कि वर्षों से यहां पर वो सेवा दे रहे हैं. इनको सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.
राज्यपाल ने दिया आश्वासन
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समिति के अध्यक्ष रामनारायण त्रिपाठी ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर शहीद स्मारक में वर्षों से तैनात कर्मचारियों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है और राज्यपाल ने इसे लेकर आश्वासन भी दिया है.
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