बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा, कोरोना प्रोटोकाल के साथ कल से खुलेंगे प्राइमरी स्कूल
गोरखपुर में यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विद्यालयों को खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व की तरह ही हर दिन 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाएगा.
गोरखपुर: यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन पहुंचे. यहां पर उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के स्वयंसिद्ध कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया. इसके पूर्व उन्होंने 1 मार्च से प्राइमरी के स्कूलों को खोले जाने को लेकर दिए गए बयान में कहा कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए विद्यालयों को खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व की तरह ही हर दिन 50 प्रतिशत बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाएगा.
क्लास के हिसाब से शेड्यूल बनाया गया है यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि कोविड-19 को लेकर जो भी समय-समय पर केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से जो भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, उसका पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर हमारे विभाग की ओर से जो सावधानियां बरती जानी चाहिए, वो दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उनका पालन करते हुए पर्याप्त सेनेटाइजेशन, मास्क और अन्य सावधानियों को ध्यान में रखते हुए बच्चों के स्कूल खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्लास के हिसाब से शेड्यूल बनाया गया है.
अभिभावकों पर दबाव नहीं डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि जैसे अभी कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खुले थे. हम लोगों ने तय किया था कि दो दिन कक्षा 6 और दो दिन कक्षा 7 के बच्चे और दो दिन ऐसे ही एकसे पांच के बच्चों को भी अलग-अलग कक्षाओं को अलग-अलग दिन बुलाएंगे. जिससे फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. अभिभावकों के ऊपर बच्चों को स्कूल भेजने का कोई दबाव नहीं होगा. जो अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से भेज सकते हैं. वही बच्चे स्कूल आएंगे.
कार्यक्रम में आकर उत्साहित हूं इसके पूर्व उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एबीवीपी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पठन-पाठन के साथ बहुत सी गैर शैक्षणिक गतिविधियों को संचालित करता रहता है. छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को निखारने के लिए विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं करते रहते हैं. स्वयंसिद्ध उसी तरह का एक कार्यक्रम है. जिसमें छात्र-छात्राएं अपने हुनर को दिखाते हैं. ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को पुरस्कृत करते हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूर्व कार्यकर्ता हूं. इसलिए इस कार्यक्रम में आकर और अधिक उत्साहित हूं.
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