Gorakhpur News: भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना देख गांव की पगडंडियों से दौड़ते हुए अमेरिका पहुंचे मैराथन धावक हरिकेश के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. अमेरिका में पुलिस ने उन्हें जेल में बंद कर दिया है. जिसके बाद उनके पिता ने भारत सरकार से गुहार लगाई है. पिता का आरोप है कि जिस होटल में वो अपना खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम काम करता रहा है, उस होटल से दो किडनैप की गई लड़कियों की बरामदगी के मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोप है कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है.
पदक दिलाने का सपना लेकर पहुंचे अमेरिका
हरिकेश गोरखपुर के चौरीचौरा के अहिरौली गांव के रहने वाले वाले हैं. उनके पिता का नाम विश्वनाथ मौर्य है. अपनी दिन रात की मेहनत और काबिलियत के बल पर ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने का सपना लिए पांच साल पहले अमेरिका पहुंचे थे. यहां रहते हुए उन्होंने कई देशों से मेडल भी हासिल किए. तैयारी में कोई बाधा न आए इसके लिए उन्होंने एक होटल में पार्ट टाइम नौकरी ज्वाइन कर ली. 17 फरवरी की रात हरिकेश छुट्टी पर था, उसी रात किसी बदमाश ने दो लड़कियों का अपहरण कर होटल में बुक कमरे में रख दिया. शिफ्ट चेंज होने के बाद सुबह जब हरिकेश ड्यूटी पर आया तो उसे पूरी घटना के बारे में पता चला.
लड़कियों की किडनैपिंग के आरोप में जेल
रेड के दौरान जब दोनों लड़कियां होटल से मिली तो बदमाश वहां से फरार हो गया और इसके बाद पुलिस ने हरिकेश को गिरफ्तार कर लिया. वो तीन महीने से अमेरिका की कोलोराडो एडमास कंट्री जेल डेनवर में कैद है. उसका मुकदमा कंट्री कोर्ट हाउस 505 हैरिसन अवे, लेडविल्ले सीओ 80461 में चल रहा है. हरिकेश ने 15 देशों में मैराथन दौड़ लगाकर मेडल जीते हैं. साल 2022 में उसने अमेरिका में होने वाले कई मैराथन में भाग लिया और उसमें गोल्ड मेडल जीता.
हरिकेश के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उसका चयन कोलोराडो के एक कैम्प में हो गया जहां वो ट्रेनिंग भी ले रहा था. साल 2017 से वो अमेरिका में ट्रेनिंग ले रहा है. कोरोना काल में उसको आर्थिक परेशानी हुई, तो पिता ने अपनी जमीन बेचकर उसे रुपए भेजकर मदद की. हरिकेश अपने निजी खर्च पर वहां पर ट्रेनिंग ले रहा था. उसके जज्बे और लगन को देखते हुए पिता विश्वनाथ मौर्य ने अपनी खेती की अधिकतर भूमि बेचकर उसकी आर्थिक मदद तक की.
भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार
हरिकेश ने 15 साल की उम्र से ही मैराथन की तैयारी शुरू कर दी थी. उसने श्रीलंका, भूटान, इंडोनेशिया, नेपाल, इथोपिया, नाइजीरिया सहित कुल 15 देशों में दौड़ लगाते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल किए हैं, जिसके बाद ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने का सपना लेकर अमेरिका गया था. परिवार ने अब भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने पीएमओ, विदेश मंत्रालय, खेल मंत्रालय, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गोरखपुर के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मदद मांगी है. उन्होंने उम्मीद है कि केन्द्र सरकार उनकी मदद जरूर करेगी.
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