Gorakhpur News: गोरखपुर में आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्‍सव के तहत शहर के विभिन्‍न स्‍कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक वंदेमातरम गायन और तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा का सड़क पर हर गोरखपुरवासी ने अभिनंदन किया और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर भारत माता की जय के जयकारे लगाए. आरएसएस (राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शहर के विभिन्‍न स्‍कूलों के अलावा सामाजिक और सांस्‍कृतिक संगठनों और देशभक्‍तों की वेशभूषा में सजे बच्‍चों ने लोगों का मन मोह लिया.


देशभक्ति की भावना से भर गया
गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर कालेज में शनिवार को आजादी का अमृत महोत्‍सव के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पं. राम प्रसाद बिस्मिल की शहादत दिवस के एक दिन पूर्व आयोजित कार्यक्रम में विभिन्‍न स्‍कूल-कालेजों के बच्‍चों ने सामूहिक वंदेमातरम का गायन किया तो वातावरण देशभक्ति की भावना से भर गया. भारत माता की जय के नारे ने माहौल को और प्रेरणादायक बना दिया. 


इस अवसर पर स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी राजेन्‍द्र लाहिड़ी की भतीजी गीता लाहिड़ी ने कहा कि आज का कार्यक्रम उन बलिदानियों के प्रति वास्तव में एक बड़ा सम्मान है. आज का दिन हम उन बलिदानियों की वजह से देख रहे हैं. स्वाधीनता के उस स्वरूप को बनाए रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है. आज मुझे बड़ा हर्ष हो रहा कि मैं इस कार्यक्रम में सहभागी बनी. अमर बलिदानियों को उन्होंने नमन-वंदन किया.


देश महान था, है और रहेगा
इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे आरएसएस के प्रांत प्रचारक सुभाष ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरा देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है, पर जरा चिंतन करें कि अंग्रेजों का क्रूर शासन कैसा था. भारत माता के गुमनाम बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करें. उनके स्वप्न को पूरा करें. 75 वर्ष में हम कहां हैं. हमारा देश महान था, है और रहेगा. 


इन क्रांतिकारियों का जिक्र
उन्होंने कहा, गोरखपुर और आस-पास के जिलों के क्रांतिकारियों को रेखांकित करते हुए बताया कि महाराजा जालिम सिंह, शिब्बन लाल सक्सेना, चिगान शाह, महंत दिग्विजयनाथ नाथ, मंगल पांडेय, वीर बाबू बन्धु सिंह, राजा तेज प्रताप चंद ने यहां अंग्रेजों को धूल चटा दी थी. हम नमन करें डोहरिया कला, चौरी-चौरा, नरहरपुर, पैना गांव जहां 600 महिलाओं ने जल समाधि ली थी. बरहज, आदि जगहों में बलिदान हुए क्रांतिवीरों को, जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए अपना प्राण तक न्यौछावर कर दिया. पं. रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अदालत में अपनी बहस खुद उन्होंने की, जब अंग्रेजो को लगा कि हम हार जाएंगे, तो उन्होंने उन्हें फांसी की सजा दे दी. कल उनके बलिदान दिवस पर उन्हें नमन करें.


स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन सम्मानित
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मेजर जनरल अतुल वाजपेयी ने कहा कि विश्व का सबसे प्रसिद्ध व लोकप्रिय गीत हमारा राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम है. हम आज इस कार्यक्रम में आकर प्रफुल्लित हैं. आज यह भव्य कार्यक्रम अमर क्रांतिवीरों को सच्ची श्रद्धाजंलि है. कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए, उन्हें नमन किया. इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की प्रस्तावना मन्केश्वर नाथ पांडेय ने रखी, संचालन रीता श्रीवास्तव ने किया. आभार ज्ञापन प्रो. शिवशरण दास ने किया. इस अवसर पर संस्कार भारती के कलाकारों द्वारा देशभक्ति की मनमोहक प्रस्तुति दी गईं. परिसर में देश के लिए बलिदान देने वाले अमर बलिदानियों के रूप में सजे बच्चे सबको आकर्षित कर रहे थे. कार्यक्रम का समापन सामूहिक वन्दे मातरम गायन व भारत माता की आरती के साथ हुआ. 


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