UP Civic Election 2022: ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के बगैर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) कराने के फैसले का यूपी के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद (Cabinet Minister Sanjay Nishad) ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले से ये साफ है कि आरक्षण में कई विसंगतियां हैं, जिसे दूर करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से भी उन्होंने इस संदर्भ में बात की है. उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के हित के लिए फैसला होगा इसके लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं.


आरक्षण में हैं विसंगतियां- मंत्री
यूपी के मत्‍स्‍य मंत्री डा. संजय निषाद ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले का निषाद पार्टी सम्‍मान करती है. वे आरक्षण के संबंध में राय ले रहे हैं. आरक्षण को लेकर गृहमंत्री अमि‍त शाह और सीएम योगी से वार्ता हुई है. आरक्षण को लेकर जो फैसला हाईकोर्ट का आया है, उससे ये साफ है कि आरक्षण में विसंगतियां हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए. पिछड़े-वंचितों के हक-हकूक के लिए उन्‍होंने निषाद पार्टी का गठन किया है. सरकार इस दिशा में काम कर रही है. ओबीसी आरक्षण को लेकर वे गृहमंत्री अमित शाह और सीएम योगी का धन्‍यवाद देंगे.


मछुआ समुदाय पर क्या कहा
डा. संजय निषाद ने कहा कि, सीएम योगी खुद भी इस मामले में विधि विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं. इस पर उन्‍होंने खुद ओबीसी के आरक्षण को साथ लेकर रहने का वायदा किया है. ओबीसी आरक्षण को लागू कराने के बाद ही चुनाव कराने की बात कही है. निषाद पार्टी भी चाहती है कि मछुआ समुदाय के लिए निर्धारित हो कि वे ओबीसी में हैं कि एससी में हैं. 31 दिसंबर 2016 के फैसले के बाद राज्‍यपाल ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसमें उनका नाम अधिसूचना में ओबीसी में लिस्‍टेड कर रखा है. यूपी में अभी मछुआरों का ओबीसी में नहीं बन रहा है. ऐसे में 18 प्रतिशत के बहुत बड़े वर्ग के आबादी की विसंगति दूर हो जानी चाहिए. आरक्षण लागू होने पर सभी वर्गों का अधिकार कानूनी और राजनीतिक रूप से हर क्षेत्र में मिल सकेगा.


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