Uttar Pradesh News: इटावा के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी (Saifai Medical University) में एमबीबीएस छात्र हिमांशु गुप्ता की संदिग्ध मौत को 11 दिन बीत चुका है. हिमांशु की बेबस मां डा. सरिता गुप्ता ने सोशल मीडिया (ट्विटर) के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदे से लटकने की वजह से दम घुटने से मौत होने की बात सामने आने के बाद भी उनके कुछ अनसुलझे सवाल उन्‍हें कुछ अनहोनी की ओर इशारा कर रहे हैं. यही वजह है कि वे सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मिलने जनता दरबार में भी गईं थीं. अब उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से न्याय के लिए मार्मिक गुहार लगाई है. उनका कहना है कि एक मां का आंचल सूना हो गया है. उनके बच्चे और परिवार को न्याय मिले इसके लिए वे हिमांशु की मौत में एसआईटी और सीबीआई से जांच कराना चाहती हैं.


संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत
यूपी गोरखपुर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र के हुमायूंपुर की ज्ञानपुरम कॉलोनी के रहने वाले शिवजी और डा. सरिता गुप्ता के 19 वर्षीय बेटे हिमांशु गुप्ता ने इसी साल फरवरी में इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया. रक्षाबंधन पर वो घर आया था. इसके बाद वो वापस लौट गया. 20 अगस्त की रात उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की घर में खबर आई, तो कोहराम मच गया. हिमांशु की मां डा. सरिता गुप्ता को उसकी मौत के 11 दिन गुजरने के बाद भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि उनका बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा. सोमवार को वे मुख्यमंत्री से मिलने गोरखनाथ मंदिर के जनता दरबार में भी गई थीं. उन्होंने न्याय का आश्वासन दिया और बताया कि जांच चल रही है लेकिन हिमांशु की मां इस मामले में एसआईटी-सीबीआई से जांच की मांग कर रही हैं.






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सरिता गुप्ता ने लगाई मदद की गुहार
सोशल मीडिया पर मार्मिक गुहार लगाते हुए उन्‍होंने कहा है कि अब तो उनका आंचल सूना हो गया है. उन्‍हें पूरा यकीन है कि उनके बेटे की हत्‍या की गई है. वो आत्महत्‍या नहीं कर सकता है. उसने सुबह वीडियो कॉल से घरवालों से बात की थी. उस वक्‍त तक सबकुछ ठीक-ठाक रहा है. आखिर शाम होते ऐसा क्‍या हो गया कि वो ऐसा कदम उठा लेगा. उन्‍होंने कहा कि रैंगिंग या किसी अन्‍य वजह से उसकी हत्‍या की गई है. दरवाजा खोलने का वीडियो बनाया गया, तो अंदर का वीडियो क्‍यों नहीं बनाया गया. इसके साथ ही कमरे और अन्‍य सामान के साथ छेड़छाड़ क्‍यों की गई. क्‍या फॉरेंसिक टीम के आने के पहले तक यथास्थिति बनाई रखी गई. क्‍या कमरे को सील किया गया. इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन और सिक्‍योरिटी ने लापरवाही क्‍यों बरती. कई ऐसे सवाल है जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला है.


दूसरे ट्वीट में क्या कहा डॉ. सरिता ने
डॉक्टर सरिता गुप्ता ने सवाल किए हैं कि बच्चे ने सुसाइड किया तो आखिर कमरे के बाहर का दरवाजा तोड़ने का वीडियो है, तो अंदर का वीडियो कहां है. किसी चीज पर खड़ा हुआ. एक पंखी पर चार चादर लटक रही हैं. उस पर मोटी गांठें हैं. उससे फांसी नहीं लग सकती है. बच्चा 65 से 70 किलो वजन का था. उस पर लटकता, तो पंखी टूट और मुड़ सकती थी. उसके होंठ, गले के नीचे हड्डी के पास चोट के निशान हैं. उसके पेट पर चोट के निशान क्यों हैं. ऐसी घटना होती है तो पुलिस तुरंत आती है. मौके को सील करती है. फोरेंसिक टीम आती है. एसआईटी गठित होती है. शाम 7.55 की घटना बताई गई है. पुलिस 9.41 टाइम दिखा रही है. पुलिस इतनी लेट से क्‍यों पहुंची है. उसकी दूसरे जिले की एसआईटी गठित कर जांच कराई जाए. इसके सा‍थ ही सीबीआई जांच कराई जाए. उस यूनिवर्सिटी की पांचवीं घटना है. उसने सुसाइड किया है तो क्‍यों किया. पूरा मामला संदिग्‍ध है. एक मां को न्‍याय दिलाया जाए जिससे किसी और के साथ ऐसी घटना नहीं होने पाए.  


मेरे बेटे की की गई है हत्या-डॉ. सरिता
डॉ. सरिता गुप्ता ने कहा है कि आखिर पुलिस ने उनका और परिवार वालों का पक्ष और बयान क्यों नहीं लिया. जांच किस आधार पर की गई. स‍ंदिग्‍ध मौत को बगैर जांच के आत्‍महत्‍या कैसे बता दिया गया. बेटे ने आत्‍महत्‍या की थी तो उसके शरीर और चेहरे पर चोट के निशान कैसे आए. खून कैसे निकला. क्‍या कोई आत्महत्या करने के पहले खुद को चोट पहुंचाएगा. उन्‍होंने कहा है कि ये पहला मामला नहीं है. इस यूनिवर्सिटी में ये पांचवा संदिग्‍ध मौत का मामला है. हर स्‍टूडेंट सुसाइड तो नहीं कर सकता है. उनके बेटे की जरूर हत्‍या की गई है. उनका आंचल सूना हो गया है. अब किसी मां का आंचल सूना न हो. ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसलिए वे इस प्रकरण में एसआईटी और सीबीआई से जांच कराना चाहती हैं जिससे उन्‍हें न्‍याय मिल सके.


और क्या बताया डॉक्टर सरिता गुप्ता ने
इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 19 वर्षीय मेडिकल स्‍टूडेंट हिमांशु गुप्‍ता की मां डा. सरिता गुप्‍ता ने बताया कि 20 अगस्‍त की रात 8 बजकर 27 मिनट पर इटावा के सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के वार्डन अजय कुमार द्वारा वाट्सएप काल किया गया. उन्‍होंने बताया कि आपके बच्‍चे ने कुछ कर लिया है. उसे ट्रामा सेंटर में एडमिट किया गया है. आप लोग तुरंत चले आइए. उन्‍होंने कहा कि आप अच्‍छे से अच्‍छा इलाज कराइए. हम लोग आ रहे हैं. इसके 10 से 15 मिनट बाद उनका दोबारा फोन आया कि आपके बच्‍चे ने फांसी लगा ली. आपके बच्‍चे की मौत हो गई है. उन्‍होंने कहा कि आप लोग फौरन चले आइए.


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