Uttar Pradesh News: गोरखपुर (Gorakhpur) में चौरी चौरा आंदोलन (Chauri Chaura movement) के शताब्‍दी वर्ष में मुंडेरा बाजार नगर पंचायत का नाम बदलकर चौरीचौरा हो जाएगा. केन्‍द्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने इसके लिए एनओसी जारी कर दिया है. राज्‍य सरकार (UP government) की ओर से गोरखपुर के मुंडेरा बाजार नगर पंचायत का नाम चौरीचौरा नगर पंचायत और देवरिया (Deoria) के तेलिया अफगान का नाम तेलिया शुक्‍ल करने की सिफारिश की गई थी.


रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया विचार-विमर्श के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करता है. बीजेपी और सपा भी क्रांतिवीरों की धरती चौरीचौरा के नाम पर मुंडेरा बाजार का नाम करने पर आपत्ति नहीं करते हैं. वहीं अधिकारी भी सरकार की सराहना कर रहे हैं.


बीजेपी के मनोनीत पार्षद ने क्या कहा
गोरखपुर के नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का नाम चौरी चौरा नगर पंचायत करने पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. इसपर बीजेपी के मनोनीत पार्षद रणंजय सिंह जुगनू कहते हैं कि चौरीचौरा उन शहीदों की स्‍थली है, जिसका नाम अंग्रेजों के जमाने से लोगों की जुबान पर है. लोग तब गोरखपुर का नाम नहीं जानते रहे हैं, लेकिन चौरीचौरा का नाम इतिहास में दर्ज रहा है.


अंग्रेज अफसर चौरीचौरा का नाम सुनकर ही कांपते रहे हैं. सरकार ने नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का नाम चौरीचौरा करने की पहल कर चौरीचौरा आंदोलन के शताब्‍दी वर्ष में क्रांतिकारियों और शहीदों को सच्‍ची श्रद्धांजलि दी है. उन्‍होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्‍सव वर्ष का शुभारम्‍भ भी चौरीचौरा स्‍थल से पीएम मोदी ने किया था. उन्‍होंने कहा कि साल 2012 में ही चौरीचौरा विधानसभा बन गई थी. लेकिन नगर पंचायत का नाम नहीं बदल पाया था. इसकी जितनी भी सराहना की जाए, वो कम है.
 
पूर्व नगर पंचायत अध्‍यक्ष ने क्या कहा
नगर पंचायत मुंडेरा बाजार के पूर्व नगर पंचायत अध्‍यक्ष डा. जेपी जायसवाल ने कहा कि ये सरकार की काफी अच्‍छी पहल है. वे नगर पंचायत मुंडेरा बाजार के अध्‍यक्ष भी रहे हैं. ऐसे में नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का नाम लेने में अच्‍छा नहीं लगता रहा है, लेकिन चौरीचौरा के क्रांतिकारियों और शहीदों के नाम पर नगर पंचायत का नाम पड़ने पर गर्व हो रहा है. देश और दुनिया में लोग गोरखपुर को योगीजी की वजह से जानते हैं. वहीं चौराचौरा को गांधीजी के असहयोग आंदोलन बीच में रोकने और क्रांतिकारियों की शहादत के लिए जाना जाता है. इसलिए ये सरकार की अच्‍छी पहल है. वे इसका स्‍वागत करते हैं. 


पूर्व नगर पंचायत अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि, जब बाहर जाने पर वे बताते हैं कि वे गोरखपुर के चौरीचौरा के हैं, तो लोग नाम से ही पहचान जाते हैं. उन्‍होंने कहा कि जो आक्रांता थे, जिनके नाम पर रोड है, उसे खत्‍म किया जाना चाहिए. अकबर महान कभी नहीं था. अकबर, हुमायूं और बाबर के नाम पर जो रोड हैं, उन्‍हें भी खत्‍म करना चाहिए. उनका महिमा मंडन गलत है. उसकी जंजीरे हम लोग तोड़ चुके हैं. सपा के आरोपों पर उन्‍होंने कहा कि सपा और बसपा की बात मत कीजिए. चौरीचौरा में सपा-बसपा के राज में बिजली नहीं आती थी. आज शहर और गांव में बिजली आती है.  


सपा प्रदेश प्रवक्‍ता ने इसपर क्या कहा
सपा के प्रदेश प्रवक्‍ता कीर्तिनिधि पाण्‍डेय ने कहा कि शहीदों के नाम पर नगर पंचायत चौरीचौरा नाम रखना अच्‍छी पहल है, लेकिन ये सरकार नाम बदलने की सियासत करती चली आ रही है. नाम बदलने से विकास नहीं होगा. उन्‍होंने कहा कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण से लोगों का ध्‍यान हटाने के लिए सरकार नाम बदलने की सियासत कर रही है. वे इस फैसले को गलत बताते हैं. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी विकास करती तो उसे नाम बदलने की जरूरत नहीं पड़ती. शहीदों क‍ी चिंता थी, तो शहीद स्‍थल का और विकास करते. शहीदों की स्‍मृतियों को दर्ज कराते. पूरे एरिया को चौरीचौरा करके उस स्‍थान को भी गौड़ करने का काम बीजेपी कर रही है. उन्‍होंने कहा कि गोरखपुर में वार्डों और जगह का नाम बदलने की सियासत का पुराना इतिहास रहा है. बीजेपी अभी भी नाम बदलने की सियासत करती रही है. कई मोहल्‍लों और बाजारों के नाम पहले भी बदले जाते रहे हैं.


गोरखपुर के नगर आयुक्त ने क्या कहा
गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह सरकार के इस फैसले का स्‍वागत और सराहना करते हुए कहते हैं कि शहीदों को ये सच्‍ची श्रद्धांजलि है. सरकार ने चौरीचौरा आंदोलन के शताब्‍दी वर्ष और आजादी के अमृत महोत्‍सव वर्ष में ये अच्‍छी पहल की है. इस ऐतिहासिक निर्णय का समाज के सभी वर्ग के लोगों ने स्‍वागत किया है. स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले लोगों की याद में अनूठी श्रद्धांजलि है. देश में निवास करने वाले समस्‍त नागरिकों की ओर से सरकार ने जो पहल की है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है.


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