अगर आप किसी के भरोसे पर जमीन खरीदने के लिए रजिस्ट्री-बैनामा कराने जा रहे हैं, तो जमीन खरीदने के पहले बेचने वाले के बारे में ठीक से जानकारी भी हासिल कर लें. कहीं ऐसा न हो कि जमीन खरीदकर मकान बनाने का सपना संजोकर अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई आप जालसाजों पर लुटा दें. गोरखपुर पुलिस ने ऐसे ही एक फर्जीवाड़ा का खुलासा कर गैंग के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है. ये जालसाज रुपए का लालच देकर अली मोहम्मद को फर्जी आईडी तैयार कर रमेश कुमार बनाकर जमीन का फर्जी बैनामा कर रहे थे.
कैसे हुआ शक
यूपी के गोरखपुर में इस तरह के जमीन के फर्जीवाड़ा की खबर सुनकर सभी के होश उड़ गए हैं. खरीदार और उनके अधिवक्ता की सूझ-बूझ से जालसाज दबोच लिए गए. दरअसल पैन कार्ड, आधार कार्ड और पहचान पत्र पर एक ही फोटो देखकर उन्हें जालसाजों पर शक हो गया क्योंकि तीनों पहचान पत्र पर एक ही फोटो होना संभव नहीं है. गोरखपुर के एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने पुलिस लाइन्स सभागार में घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि कैण्ट पुलिस ने कलेक्ट्रेट स्थित फर्जी मालिक बनकर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है.
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जालसाज ने क्या बताया
इनकी पहचान राजघाट थानाक्षेत्र के दीवान दयाराम मोहल्ला के रहने वाले अंकित अग्निहोत्री, गोरखनाथ थानाक्षेत्र के पचपेड़वा चक्सा हुसैन के रहने वाले मुन्ना अली मोहम्मद, राजघाट के शेखपुर के रहने वाले प्रजापति पाण्डेय के रूप में हुई है. पुलिस की पूछताछ में अंकित अग्निहोत्री ने बताया कि, गगहा थानाक्षेत्र के गजपुर के रहने वाले रविन्द्र कुमार उसके साले के दोस्त हैं जिससे उसकी जान-पहचान रही है. उसने उनसे जमीन खरीदने की बात कही थी. वो लालच में पड़ गया. शाहपुर के रहने वाले अंकित के दोस्त ने उसे 2020 में 28 डिस्मिल की एक जमीन दिखाई थी. उसी जमीन का भू-आलेख उसने इंटरनेट से निकाल लिया था. उसी को रविन्द्र कुमार को दिखाया और जमीन भी दिखा दिया. रविन्द्र को जमीन पसंद आने के बाद वे जमीन मालिक से मिलाने की बात कह रहे थे.
कचहरी से निकलने के दौरान उसने एक लाख रुपए का लालच देकर अली मोहम्मद से रमेश कुमार बनने के लिए राजी कर लिया. उसने अली मोहम्मद का आधार कार्ड, पेन कार्ड और पहचान पत्र जमीन मालिक गीडा थानाक्षेत्र के नौसड़ के भिलौरा के रहने वाले रमेश कुमार के नाम से बनवाकर 5 लाख रुपए रविन्द्र कुमार से अपने खाते में ट्रांसफर भी करवा लिया. 1 जून को जब रजिस्ट्री करने के लिए अंकित आया, तब रमेश बना अली मोहम्मद देर करने लगा. कुछ समय बाद जब वो आया, तो वादी और उनके साथ आए अधिवक्ता को तीनों पहचान पत्र पर एक फोटो देखकर शक हो गया.
कलेक्ट्रेट परिसर से गिरफ्तार
जब उन्होंने जमीन मालिक से उसका और उसके पिता का नाम पता पूछा तो वो नहीं बता सका. शक होने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी. पुलिस की पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 406 के तहत केस दर्ज कर मामले का खुलासा कर दिया. पुलिस को आरोपियों के पास से रमेश कुमार के नाम का फर्जी आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुआ है. पुलिस ने इन्हें 1 जून की शाम 5 बजे कलेक्ट्रेट परिसर से गिरफ्तार किया है. आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जा रहा है.