Uttar Pradesh News: नेपाल (Nepal) से डेढ़ सौ लोगों के प्रतिनिधिमंडल के साथ विष्णुवतारी शालिग्राम देवशिला रथ (Shaligram Devshila Rath) देर रात गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) पहुंचा. यहां से बुधवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर के संत-महंत ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद इसे अयोध्या धाम के लिए रवाना किया. जय श्रीराम के उद्घोष के बीच इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने और गोरखनाथ मंदिर में शालिग्राम देवशिला के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भी उपस्थित रहे. गोरखनाथ मंदिर परिसर से शालिग्राम को अयोध्या धाम के लिए पूरे उल्लास के साथ रवाना किया गया.
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के साथ मंदिर के अन्य संत-महंत और जनकपुर नेपाल से आए संतों-महंतों ने विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया. सुबह 8 बजे से ही पूजन-अर्चन शुरू हो गया. देर रात 12.40 पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे शालिग्राम देवशिला रथ का स्वागत और पूजन-अर्चन किया गया. सुबह 8 बजे से दोनों शिलाओं का पूजन शुरू हुआ. मंत्रोच्चार के बीच हवन और आरती की गई. गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ की अगुआई में मंदिर के संत-महंत ने विधि-विधान को पूरा किया.
शालिग्राम 6 करोड़ वर्ष पुरानी
नेपाल से चली शालिग्राम 6 करोड़ वर्ष पुरानी है. इसे विष्णु का अवतार माना जाता है. देवशिला रथ ने नेपाल के जनकपुर से बिहार और यूपी के कुशीनगर के रास्ते देर रात गोरखपुर की सीमा में प्रवेश किया. इसके बाद देर रात 12.40 बजे गोरखनाथ मंदिर पहुंचा. प्रतिनिधि मंडल के हिन्दू सेवाश्रम में रात्रि विश्राम के बाद एक फरवरी बुधवार की सुबह इसे सुबह 9.40 बजे अयोध्याधाम के लिए प्रस्थान कराया गया. गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण है. गोरखनाथ मंदिर से अयोध्याधाम के लिए शालिग्राम शिला को प्रस्थान कराया जा रहा है. पूरे विधि-विधान के साथ पूजन-अर्चन किया गया है. इस शिला के अयोध्या पहुंचने के बाद इसे भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा तैयार की जाएगी. यहां सैकड़ों श्रद्धालु शिला के दर्शन के लिए पहुंचे हैं.
नेपाल से प्रतिनिधि मंडल के साथ आए नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री विमलेन्द्र निधि ने सात माह पूर्व राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के समक्ष इस पत्थर को लाने का प्रस्ताव रखा, क्योंकि श्रीराम मंदिर हजारों वर्षों तक हिन्दू आस्था का केन्द्र रहेगा. यही वजह है कि नेपाल सरकार ने जियोलॉजिकल और आर्किलॉजिकल सहित वाटर कल्चर को समझने वाले विशेषज्ञों की टीम भेजकर काली गंडकी नदी से इस पत्थर को चुनकर निकाल, जो 6 करोड़ वर्ष पुराना है. इसकी आयु अभी एक लाख वर्ष बताई जा रही है.
नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ नेपाल का जो रिश्ता है, वो अनंत काल तक कायम रहेगा. जो राम मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है, जिसके लिए बनने जा रहा है, वो राम ही हैं. वो श्रीराम का अवतार नेपाल के काली गंडकी नदी के शिला से होने जा रहा है. ये उमंग गर्व और खुशी की बात है. नेपाल की सरकार और पूरी जनता ने तन-मन से इस शिला को खोजने और हस्तांतरित करने में साझीदारी दिखाई है. ये रिश्ता और प्रगाढ़ होगा. ये भगवान श्रीराम की कृपा है. भारत की सर्वोच्च अदालत ने विवाद का निपटारा किया. सभी हिन्दू, मुस्लिम धर्म के लोगों ने सहर्ष इसे स्वीकार किया है.
तीर्थ क्षेत्र सदस्य ने क्या कहा
शालिग्राम शिला के प्रतिनिधि मंडल के साथ चल रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि यहां पर आस्था की कोई शाब्दिक परिभाषा नहीं दी जा सकती हैं. जनकपुर और मिथिला बिहार में तो ऐसा लग रहा था कि बेटी की विदा के समय जैसे मां अपने को संभाल नहीं पा रही हो. गोरक्षपीठ साधना स्थली है. महंत अवैद्नाथ उन लोगों के संघर्ष के नायक रहे हैं. यहां आकर प्रेरणाभूमि पर आए हैं. यहां से मार्गदर्शन मिलता रहा है. उन्होंने कहा कि माता सीता और भगवान राम को भी अच्छा नहीं लग रहा था कि भारत-नेपाल के रिश्ते में दूरी क्यों हो रही है. हम तो दो देह एक प्राण हैं. इसके बीच इतनी दूरी क्यों हुई. इस कार्यक्रम ने हमारे रिश्ते को और अधिक मजबूत कर दिया है. सत्ता कोई भी चलाए, लेकिन जनता के हृदय में हम एक-दूसरे के हैं ये भाव पैदा किया है.
ज्योतिष शास्त्री ने क्या कहा
नेपाल के काठमांडू से प्रनिधिमंडल के साथ आए ज्योतिष शास्त्री अर्जुन घोषाल ने कहा कि, वे लोग शिला को लेकर अयोध्या जा रहे हैं. ये अति पवित्र और साक्षात नारायण का अवतार होने के साथ श्रीराम का रूप है. विज्ञान के मुताबिक ये 5 करोड़ वर्ष पुरानी है. भारत-नेपाल का रिश्ता प्रगाढ़ हुआ है. धर्म और संस्कृति से हम एक हैं. ये भारत और नेपाल दोनों के लिए गर्व की बात है. दोनों देशों के बीच रिश्ता प्रगाढ़ हो रहा है. जनकपुर से आईं मुन्नी कुमारी शाह ने कहा कि वे लोग प्रतिनिधि मंडल के साथ आ रहे हैं. वे लोग अयोध्या तक जाएंगे.
अर्जुन घोषाल ने आगे कहा कि, गोरक्षपीठ में पहुंचकर यहां पर लोगों की बहुत आस्था दिख रही है. नंदलाल शाह ने कहा कि यहां बहुत आस्था दिख रही है. जो नहीं सोचे थे, आज वो हो गया है. आज भारत और नेपाल का रिश्ता और अधिक मजबूत हो गया है. अपुल कुमारी शाह ने कहा कि यहां पर बहुत
आस्था है. यहां पर काफी खुशी दिख रही है. बेटी-रोटी का रिश्ता और मजबूत हो गया है. मां जानकी और भगवान श्रीराम को लेकर हम उन्हें उनके घर पहुंचाने जा रहे हैं. ऐसा उन लोगों को महसूस हो रहा है.
गोरखपुर के निवासियों ने क्या कहा
गोरखपुर के राजेन्द्र नगर के रहने वाले अभिषेक कुमार दुबे ने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण को महसूस कर रहे हैं. शालिग्राम शिलापट का दर्शन कर वे खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं. गोरखपुर के राजेन्द्र नगर की रहने वाली उर्मिला कहती हैं कि वे सारे काम छोड़कर यहां पर आई हैं. सदियों से जिस घड़ी का इंताजार था, वो पल आ गया है. गोरखपुर की रहने वाली लोक गायिका सुनिशा श्रीवास्तव ने कहा कि ये ऐतिहासिक क्षण है. इस क्षण का भागी बनने का अर्थ है. ऐसा दृश्य न तो बरसों पहले किसी ने देखा है और न ही वर्षों तक कोई देख पाएगा. भगवान श्रीराम और माता सीता की जो मूर्ति बनेगी, उसकी कल्पना की वजह से वे भावुक हैं.