यूपी (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में भ्रष्टाचार की परत-दर-परत खुलती जा रही है. ताजा मामला गोरखपुर के तीन डाकघरों का है. यहां के तीन कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा कर खाताधारकों के लाखों रुपए निकाल लिए हैं. तीनों डाकघरों में 75 लाख रुपए से अधिक के सरकारी धन को गबन कर तीन कर्मचारियों ने निकाल लिया है. सरकारी धन के गबन का मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए. तीनों कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. बनारस के बाद गोरखपुर के डाकघरों में ये फर्जीवाड़ा सामने आने पर अधिकारियों के पांव तले जमीन खिसक गई है.


पोस्टमास्टर ने क्या बताया
गोरखपुर के पोस्‍टमास्‍टर जनरल विनोद कुमार वर्मा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गोरखपुर के प्रधान डाकघर, गोरखपुर विश्‍वविद्यालय उप डाकघर और कूड़ाघाट डाकघर मे 75 लाख रुपए से अधिक की रकम का फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस बार खाताधारकों के खाते से रुपए का गबन न कर सरकारी धन का फर्जीवाड़ा किया गया.


यही वजह है कि किसी शिकायतकर्ता के नहीं होने की वजह से मामला नहीं खुल पाया. एक दूसरे मामले में विभागीय जांच के दौरान ये मामला सामने आ गया. पहले एक से डेढ़ लाख के फर्जीवाड़ा की बात सामने आई, लेकिन गहनता से जांच में तीन डाकघरों में 75 लाख रुपए के गबन का मामला सामने आ गया. उन्‍होंने बताया कि इस मामले में तीनों कर्मचारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है.


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एफआईआर दर्ज 
पोस्‍टमास्‍टर ने बताया कि किसी मामले की जांच के दौरान संदिग्‍ध ट्रांजेक्‍शन की बात सामने आई. जांच में पता चला कि कुछ लोगों ने सरकारी धन के हेरफेर की कोशिश की है. जो भी कर्मचारी संलिप्‍त थे उनके खिलाफ सरकारी धन के गबन की एफआईआर दर्ज करा दी गई है. जांच 15 दिन में पूरी हो जाएगी. 75 लाख रुपए का ग‍बन करने का प्रयास किया गया है. हैरत की बात ये है कि जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, तो जांच में पता चला कि ये कर्मचारी जिन तीन डाकघरों में रहे हैं, वहां पर तीनों तैनात रहे हैं. सभी को आरोप पत्र दिया जाएगा.


कार्रवाई की जाएगी
पोस्टमास्टर ने कहा कि, पुलिस अपने हिसाब से जांच करेगी. उन्‍होंने क्‍या आपराधिक तरीके अपनाएं हैं, पुलिस इसकी जांच कर न्‍यायालय के समक्ष अपनी बात रखेगी. विभागीय जांच के बाद जो भी कार्रवाई होती है, वो की जाएगी. एक साल में पहली बार ये नाम सामने आए हैं. उससे पहले इस तरह का कृत्‍य किया गया है, तो उसकी भी जांच की जाएगी. सभी कुछ कम्‍प्‍यूटराइज है, इसलिए इसे ढूंढने में अधिक समय नहीं लगता है. ऊपर के लोग चेक करेंगे, तो इस तरह की गड़बड़ी नहीं होगी.


डाक सहायक निलंबित
गोरखपुर में विश्वविद्यालय उप डाकघर से पैसा निकासी के मामले में सहायक अधीक्षक केन्द्रीय उप मंडल संतोष कुमार सिंह की तहरीर पर पुलिस ने डाक सहायक गितेश कुमार पाण्डेय पर केस दर्ज कराया है. आरोप है कि कर्मचारी गितेश ने 31 दिसम्बर 2018 से 12 मार्च 2022 तक डाक सहायक के रूप में काम करते हुए विभिन्न खातों से 25,29,317 रुपये के सरकारी धन की निकासी कर ली. मामला सामने आने के बाद विभागीय जांच करते हुए डाक सहायक को निलम्बित भी किया गया है.


इनपर हुआ केस दर्ज
दूसरी तरफ कूड़ाघाट डाकघर में गबन के मामले में निरीक्षक डाकघर पूर्वी उप मंडल सीबी सिंह की तहरीर पर कर्मचारी शैलेन्द्र कुमार और प्रधान डाकघर के संविदाकर्मी रोहित कुमार चौधरी पर केस दर्ज किया गया है. शैलेन्द्र कुमार निवमनीचक मसौढी पटना का निवासी है जबकि रोहित कुमार चौधरी आवास विकास कालोनी कूड़ाघाट का निवासी है. शैलेन्द्र कुमार डाकघर कूड़ाघाट में एक जुलाई 2019 से 15 जुलाई 2021 तक तैनात रहा है.


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