UP News: यूपी में बाढ़ की दुश्वारियों के बीच गोरखपुर (Gorakhpur) के लोगों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. सरयू (Sarayu) ने जहां बरहज में 1998 के जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है तो बाढ़ की भयावहता के बीच प्रशासनिक मदद नाकाफी साबित हो रही है. गोरखपुर शहर के दक्षिणी छोर पर चल रही जुगाड़ की नाव प्रशासनिक अमले को मुंह चिढ़ा रही हैं. शहर के दक्षिणी छोर पर महिलाओं, पुरुष और बच्‍चों को थर्माकोल पर चौकी बांधकर जुगाड़ की नाव बनाकर जन जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है.  


नदियों के बढ़ते जलस्तर ने मचाई तबाही


अक्टूबर महीने से बारिश और नेपाल के पहाड़ों से राप्ती, रोहिन, सरयू (घाघरा), आमी, गुर्रा और कुआनो नदियों के उफान से शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गोरखपुर प्रशासन लगातार राहत सामग्री, राशन किट और चिकित्‍सा सुविधा के साथ नाव लगाने के दावे कर रहा है. गोरखपुर शहर के दक्षिणी छोर पर महेवा में घरों में छह फीट तक बाढ़ का पानी आ गया है. अधिकतर लोगों को छत पर शरण लेनी पड़ी है. इसके अलावा बिजली और पीने के पानी की समस्या से लोग दो-चार हो रहे हैं. यही वजह है कि अधिकतर लोग घरों में ताला लगाकर दूसरी जगहों पर शरण ले चुके हैं. हालांकि इस दौरान घरों में चोरी का खतरा भी है. 


जुगाड़ की नाव ही बना है सहारा


गोरखपुर शहर के दक्षिणी छोर ट्रांसपोर्ट नगर महेवा के शिवपुरी कालोनी की रहने वाली शारदा देवी बताती हैं कि एक सप्ताह से पानी बढ़ा है. यहां थर्माकोल और चौकी बांधकर जुगाड़ की नाव बनाई गई है. राशन और पानी लेने के लिए जान जोखिम में डालकर आ रही हैं. शारदा देवी के बेटे विकास मझवार बताते हैं कि जुगाड़ की नाव बनाना मजबूरी है. प्रशासन की ओर से सुविधा नहीं मिलने की वजह से यहां पर थर्माकोल और तख्त को बांधकर जुगाड़ की नाव तैयार की है.


प्रशासन की ओर से नाव तक नहीं मिली है. विकास के भाई विशाल मझवार पीईटी की परीक्षा देने के लिए आजमगढ़ जा रहे हैं. वे कहते हैं कि उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. रोज ये जुगाड़ की नाव कहीं न कहीं पलट जाती है. एक दर्जन से अधिक ऐसी नाव चल रही है. उनके मोहल्ले में 150 से अधिक मकान और 500 से अधिक आबादी है. आसपास का एरिया मिलाकर एक हजार की आबादी है. लेकिन सुविधा के नाम पर प्रशासन की ओर से कुछ नहीं मिला है.

खतरे के निशान के पार हैं ये नदियां


गोरखपुर में राप्ती बर्डघाट पर खतरे के निशान से ऊपर 76.070 मीटर पर बह रही है. सरयू (घाघरा) अयोध्या पुल पर खतरे के निशान से  ऊपर 93.420 मीटर पर बह रही है. तुर्तीपार में सरयू खतरे के निशान 64.01 से 1.67 आरएल मीटर ऊपर 65.680 एलएल मीटर पर बह रही है. बरहज में सरयू ने 1998 की बाढ़ की विभीषिका के रिकॉर्ड को शनिवार को ध्वस्त कर दिया है. सरयू बरहज में खतरे के निशान 66.50 से 2.14 आरएल मीटर ऊपर 68.640 पर बह रही है. 1998 में सरयू ने 68.62 के रिकार्ड बिंदु को छुआ था. रोहिन त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 से 0.94 आरएल मीटर नीचे बहते हुए उतार पर है. 


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