Gorakphur News: फर्जी पैरामेडिकल कॉलेजों का आगरा से कनेक्शन, नटवरलाल का इन राज्यों में फैला था नेटवर्क
UP News: जांच पड़ताल में पता चला है कि फर्जी पैरामेडिकल बोर्ड के जरिए यूपी ही नहीं बल्कि बिहार, उत्तराखंड और पंजाब में कुल 109 फर्जी कॉलेज खोले गए हैं. फ्रैंचाइजी के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती थी.
UP News: आगरा के रहने वाले नटवरलाल ने फर्जी पैरामेडिकल बोर्ड की आड़ में करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा कर लिया. उसका नेवटर्क यूपी समेत चार राज्यों में हुआ था. उसने 10 साल में फ्रैंचाइजी बांटकर रेवड़ी की तरह 109 फर्जी कॉलेज खोलवा दिए, वहीं फर्जी डिग्रियां बांटकर हजारों छात्रों का भविष्य भी बर्बाद कर दिया. गोरखपुर पुलिस ने आगरा के ठग को 20 दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पूछताछ में उसने महज 14 फर्जी कॉलेजों की फ्रेंचाइजी और 10 साल में 1 हजार स्टूडेंट्स को फर्जी डिग्रियां बांटने की बात स्वीकार की. खुलासे के बाद पुलिस ने आगरा में उसके ऑफिस पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान चार राज्यों में 109 कॉलेज खोलने का पर्दाफाश हुआ.
अब पुलिस को आरोपी की फरार पत्नी और भाई की तलाश है. एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि चौरीचौरा में फ्रैंचाइजी देकर फर्जी पैरा मेडिकल कॉलेज संचालित किया जा रहा था. अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के नाम पर फर्जी पैरा मेडिकल बोर्ड से फ्रैंचाइजी स्वीकृत हुई थी. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी ठग पंकज पोरवाल आगरा में शाहगंज थाना क्षेत्र के 15 गणेश नगर सुचेता का रहने वाला है. पंकज पोरवाल को 11 सितंबर को गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि गोरखपुर समेत कई जनपदों में फर्जी पैरा मेडिकल कॉलेज खोले गए थे.
विशेष जांच टीम को सीओ कैंट एएसपी मानुष पारीख ने संस्था के ठिकानों पर छापेमारी करने आगरा भेजा. जांच पड़ताल में पता चला है कि फर्जी पैरामेडिकल बोर्ड के जरिए यूपी ही नहीं बल्कि बिहार, उत्तराखंड और पंजाब में कुल 109 फर्जी कॉलेज खोले गए हैं. फ्रैंचाइजी देने के नाम पर 3 से 4 लाख रुपए आरोपी पंकज पोरवाल वसूल करता था. छात्र-छात्राओं से भी ढाई लाख रुपए प्राप्त करने की जानकारी मिली है. पुलिस को आरोपी के भाई इंद्रवीर और पत्नी कंचन की तलाश है. एसएसपी ने अब तक की जांच-पड़ताल में सामने आए तथ्यों को साझा किया.
1- अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ एजुकेशन बोर्ड आगरा को कानूनी मान्यता नहीं है.
2- अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ एजुकेशन बोर्ड का खाता आगरा के एचडीएफसी बैंक में है.
3-खाते का संचालन संयुक्त रूप से पोरवाल और के नाम पर किया जाता था.
4-109 फ्रैंचाइजी यूपी के 40 जनपदों सहित बिहार, उत्तराखंड, पंजाब में होने का खुलासा हुआ है.
5-फ्रैंचाइजी देने के नाम पर 3-4 लाख रुपए संचालक पंकज प्राप्त किया करता था.
6. पैरामेडिकल से संबंधित कोर्स कराने के लिए ढाई से तीन लाख वसूली होती थी.
ऑफिस से कब्जे में लिए गए साक्ष्य
1. दो कम्प्यूटर मे फ्रैंचाइजी का विवरण उपलब्ध है
2. 109 फ्रैंचाइजी से सबंधित फॉर्म में मूल प्रति
3. पैरामेडिकल से संबंधित मार्कशीट का प्रमाण पत्र
4. विभिन्न कोर्स से संबंधित किताबें
5. फ्रैंचाइजी के नाम पर ली गई धनराशि की रसीद
6. दंपति का अपराध से अर्जित 1400 स्क्वायर फीट संपत्ति
7. पंकज पोरवाल का मकान थाना अन्तर्गत शाहगंज, आगरा
2. तीन BHK फ्लैट और अर्धनिर्मित मकान जनपद आगरा
3. 1200 स्क्वायर फीट का एक प्लॉट लगभग शाहगंज, आगरा
4. एक प्लॉट जनपद आगरा में होने की बात भी सामने आई है
बैंक खाते का विवरण
1. एचडीएफसी बैंक के संयुक्त खाते में मौजूद राशि 90467.68
2. एसबीआई शाहगंज के खाते में पंकज पोरवाल की राशि 41171.55
3. एसबीआई शाखा जयपुर हाउस में कंचन पोरवाल की राशि 5 लाख 77 हजार
4. केनरा बैंक साकेत फॉलोनी आगरा में कंचन पोरवाल का खाता
5. सेंट्रल बैंक अछल्दा इटवा में कल्पना पोरवाल और कंचन पोरवाल के खाते में 16 लाख को फ्रीज कराया
गोरखपुर के चौरीचौरा थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. साल 2013 में अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट के नाम से बोर्ड का गठन किया गया. रजिस्ट्रेशन एनसीटी दिल्ली चिट फंड से कराया गया है. मुख्य आरोपी पंकज पोरवाल के अलावा पत्नी कंचन पोरवाल, भाई इंदीवर पोरवाल, चाचा जयवीर प्रसाद, मित्र नरेश कुमार, कमलकांत, सुरेंद्र कुमार, दर्शन कुमार खत्री, मोहित कुमार, अनिरुद्ध कुमार, निखिल कुमार, कुलदीप वर्मा, प्रेमचंद और सहयोगी रुचि गुप्ता पदाधिकारी हैं.
वर्ष 2013 से अब तक कुल 800 बच्चों का एनरोलमेंट किए जाने और वर्तमान समय में लगभग 200 बच्चों के शिक्षा प्राप्त करने की जानकारी पुलिस को पूछताछ में मिली है. वर्ष 2013 से अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफिस का संचालन आगरा स्थित कार्यालय से किया जा रहा है. आरोपी पंकज पोरवाल सहयोगियों और कथित बोर्ड पदाधिकारियों से मिलकर फ्रेंचाइजी के नाम पर पैरामेडिकल कॉलेज खुलवाकर एएनएम, जीडीए, मेडिकल ड्रेसर, सीएमएस, डीएमआईटी, डीएमआरटी, एक्स-रे, ईसीजी, सीएमएलटी, सीसीसीई, डेंटल नर्सिंग, डेंटल हाइजीनिस्ट, डीओटीटी, डायलिसिस टेक्निशियन, डिप्लोमा इन हेल्थ सेनेटरी, ऑप्थलैमिक असिस्टेंट, डीपीटी, एचडीएचएचएम कोर्स की मोटी रकम लेता था. प्रमाण पत्र अब्दुल कलाम इंस्टीट्यूट और आयुष पैरामेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नाम छात्राओं को दिए जाते थे.
रोजगार के लिए गए छात्रों को पता चला कि डिग्री फर्जी है. ठगी का शिकार हुए छात्र लगातार शिकायत कर रहे थे. पूर्व में देवरिया के एक फर्जी इंस्टीट्यूट संचालक को जेल भेजा गया था. उसका भी संबंध पाया गया है. गोरखपुर के चौरीचौरा थाने में एक मुकदमा पंजीकृत किया गया. पुलिस की विवेचना में पाया गया कि कोर्स को मान्यता नहीं थी. रजिट्रेशन के बाद अवैध तरीके से शिक्षण संस्थान बनाए गए थे. संस्थान की कोई भी शाखा को मान्यता नहीं है. जारी अंक पत्र और प्रमाण पत्र कूट रचित हैं. उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि पैरामेडिकल बोर्ड संचालित करने के लिए अधिकृत अधिकारी से रजिस्ट्रेशन प्राप्त नहीं किया गया है.
कुशीनगर के हाटा में जननी पैरामेडिकल नर्सिंग साइंस कॉलेज चलाने वाले चौरीचौरा निवासी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने पुलिस को तहरीर दी. लेकिन कुशीनगर पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बनाकर जेल भेज दिया. जमानत पर जेल से छूटने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट से चौरीचौरा थाने में केस दर्ज हुआ. ट्रेनी आईपीएस एएसपी चौरीचौरा मानुष पारीख ने जांच गुलरिहा पुलिस को सौंपी. उन्होंने बताया कि आरोपी पंकज पौरवाल का नेटवर्क पूरे देश में है और 300 से अधिक फर्जी इंस्टीट्यूट चलाकर करोड़ों रुपए का वारा-न्यारा कर चुका है.
गोरखपुर के रानीडीहा स्थित आवास पर मां विन्धवासिनी पैरामेडिकल कॉलेज चला रही संचालिका गिरिजा देवी बताती हैं कि उन्हें एक दिन पहले मामले की जानकारी पुलिस से हुई कि अब्दुल कलाम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पैरामेडिकल बोर्ड फर्जी है. उन्होंने दो साल से इंस्टीट्यूट चलाने की जानकारी दी. कुशीनगर की पांच लड़कियों को इंस्टीट्यूट में पंकज पोरवाल के कहने पर इनरोल किया था. इनरोल कराने पर एवज में 27 से 28 हजार रुपए मिले थे. गिरिजा देवी को देवरिया और गोरखपुर में पर सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप है. मां विन्धवासिनी संवासिनी गृह की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने पर उसे जेल जा चुका है. शादीशुदा बेटी को भी पुलिस ने देवरिया से अरेस्ट कर जेल भेजा था. गोरखपुर स्थित मकान को पुलिस ने सील भी किया था. मामले में आरोपी खुद को निर्दोष बता रही है.
फर्जी दस्तावेजों से संचालित 14 पैरामेडिकल कॉलेज
1- जीवन छबि पैरामेडिकल कॉलेज, 62 नीम सराय पीडीए कालोनी, मुंडेरा, जनपद- प्रयागराज, संचालक- निरंकार त्रिपाठी
2- शंभू नाथ तिवारी कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग गंगौली पुरा बाजार जिला- अयोध्या, संचालक- चंद्रदेव तिवारी
3- छत्रपति शिवाजी कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड पैरामेडिकल महावीर लेन जिला-देवरिया, संचालक-प्रशांत कुमार कुशवाहा
4- वंश पैरामेडिकल कॉलेज, सिरसागंज जनपद- फिरोजाबाद, संचालक कमल किशोर
5- प्रतिभा पैरामेडिकल एंड नर्सिंग कॉलेज ट्रस्ट जिला- देवरिया, संचालक- प्रतिभा सिंह
6- जननी पैरामेडिकल नर्सिंग साइंस हाटा नगरपालिका परिषद- कुशीनगर, संचालक-विजय प्रताप सिंह
7- शौम्य शाक्य पैरामेडिकल जिला- देवरिया, संचालक- रमाकांत कुशवाहा
8- मां विंध्यवासिनी पैरामेडिकल कॉलेज रानीडीहा, जनपद- गोरखपुर, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी
9- अन्नपूर्णानंद पैरामेडिकल कॉलेज चरजपुरा बैरिया मोड़ जिला- बलिया, संचालक- गुप्तेश्वर पाण्डेय
10- रुद्रा पैरामेडिकल कॉलेज रामनगर मोड़ जनपद- वाराणसी, संचालक- डॉक्टर पवन साहनी
11- ऑल इंडिया पैरामेडिकल उरदौली घुणपुरा जिला- सीतापुर, संचालक- राजीव विश्वास
12- सतीश चंद्र इंस्टिट्यूट चांदपुर जिला- शाहजहांपुर, संचालक- मुकेश शुक्ला
13- सांन हॉस्पिटल नरियावल अड्डा जिला बरेली, संचालक- डॉक्टर फहीम खान
14- वाशु पैरामेडिकल गंगा कॉलोनी नरौना जिला- बुलंदशहर, संचालिका- रुचि