Govardhan Puja In Mathura: दिवाली के ठीक एक दिन बाद देशभर में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का त्योहार मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है और गिरिराज जी के साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है. भारत के कई राज्यों में गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है. वहीं भगवान श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में भी सोमवार को गोवर्धन पूजा पर उत्साह देखा गया. मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा के अवसर पर श्रद्धालु बड़ी तदाद में मंदिर पहुंचे और द्वारिकाधीश भगवान की पूजा आराधना कर मनोकामना मांगी. 


डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दी शुभकामनाएं
हर साल दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है. इस अवसर पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने देश व प्रदेश वासियों को गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं दीं.


केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा, "समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. भगवान श्री कृष्णा जी आपके जीवन में सुख समृद्धि व धन-वैभव की वर्षा करें."


गोवर्धन पूजा का महत्व


गोवर्धन पूजा प्रकृति के पूजन का प्रतीक है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने सदियों पहले ही समझा दिया था कि इंसान तभी सुखी रह सकता है जब वह प्रकृति को प्रसन्न रखे. प्रकृति को ही परमात्मा मानें और परमात्मा के रूप में ही प्रकृति की पूजा करें, हर हाल में प्रकृति की रक्षा करें. 


श्री कृष्ण ने उठाया था गोवर्धन पर्वत


धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार देवराज इन्द्र ने कुपित होकर सात दिन की वर्षा की अखंड झड़ी लगा दी. तब भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रज को बचा लिया था. इंद्र को लज्जित होने के पश्चात उनसे क्षमायाचना करनी पड़ी थी.


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