Uttrakhand Recruitment Exams: उत्तराखंड सरकार मंगलवार को भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं की मौजूदा जांच को उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की निगरानी में कराने के लिए सहमत हो गई है. अभी विशेष जांच टीम (एसआईटी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) इसकी जांच की कर रही है. बता दें कि राज्य के युवाओं उत्तराखंड लोक सेवा आयोग आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच के लिए न्यायाधीश की निगरानी की अनिवार्यता की मांग की थी.


अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि सरकार ने आंदोलनरत युवाओं की मांग मान ली है, जिसके तहत उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की निगरानी में कराई जाएगी. सरकार ने प्रदर्शनकारी युवाओं की मांग पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भी हटा दिया है.


देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू


रतूड़ी ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से लिया है और बातचीत के जरिए उन्हें स्वस्थ और सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास किया है. उनकी सबसे बड़ी मांग नकल विरोधी कानून को मजबूत करना था. राज्य सरकार ने हाल ही में एक अध्यादेश के जरिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नकल विरोधी कानून केवल राज्य सरकार की आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं पर ही लागू होगा और डिग्री कॉलेजों और स्कूलों की आयोजित परीक्षाओं पर लागू नहीं होगा.


रतूड़ी ने बताया कि आंदोलन कर रहे युवाओं ने राज्य सरकार के सामने लाए गए सभी मुद्दों का हल कर दिया गया है. राज्य सरकार युवाओं के हितों की रक्षा करना चाहती है और उन्हें गुमराह करने या उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करने वालों से सख्ती से निपटना चाहती है.


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