हिटलर, निष्पक्ष चुनाव और प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल के बारे में इस साल नहीं पढ़ेंगे उत्तर प्रदेश के छात्र
यूपी बोर्ड के सिलेबस से सिलेबस से नाजीवाद और हिटलर के विषय को हटा दिया गया है. इसके अलावा नौवीं कक्षा में पढ़ाया जाने वाले संक्रमण का टॉपिक भी विज्ञान विषय से गायब है. छात्र अब राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के बारे में छात्र नहीं पढ़ पाएंगे.
लखनऊ: यूपी बोर्ड ने कोरोना संकट की वजह से सिलेबस में कटौती की है. हर विषय से 30 फीसदी सिलेबस कम किया गया है. सिलेबस की छटनी में कई ऐसे विषय भी हटा दिए जिन्हें लेकर सवाल उठने लगे हैं. सिलेबस से नाजीवाद और हिटलर के विषय को हटा दिया गया है. इतना ही नहीं, शेक्सपियर की कहानी को भी सिलेबस से हटाया गया है. इसके अलावा नौवीं कक्षा में पढ़ाया जाने वाले संक्रमण का टॉपिक भी विज्ञान विषय से गायब है. सामाजिक विज्ञान के छात्र चुनावी राजनीति स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं पढ़ पाएंगे.दसवीं के सामाजिक विज्ञान और ग्यारहवीं नागरिक शास्त्र से भी चुनावी राजनीति और चुनाव सुधार जैसे विषयों के अलावा प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के बारे में छात्र नहीं पढ़ पाएंगे.
कक्षा 9 के विज्ञान के कोर्स में यूनिट 2 में 'स्वास्थ्य एवं रोग: स्वास्थ्य तथा इसका खराब होना, संक्रामक एवं असंक्रामक बीमारियां, कारण एवं लक्षण, सूक्ष्म जीव द्वारा उत्पन्न रोग (वायरस, बैक्टीरिया एवं प्रोटोजोएन्स एवं उनकी रोकथाम, उपचार के नियम एवं रोकथाम), पल्स पोलियो कार्यक्रम' को हटाया गया है. इसे लेकर शिक्षक ही नहीं बल्कि डॉक्टर्स भी हैरत में हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) लखनऊ की प्रेसिडेंट डॉ रमा श्रीवास्तव का कहना है कि इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप है. सरकार भी इसे लेकर जागरूकता फैला कर रही है. ऐसे में संक्रामक रोगों, वायरस के बारे में तो छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक जानकारी दी जानी चाहिए. यूपी बोर्ड के सिलेबस से इसे हटाना सही नहीं है. इस पर फिर विचार होना चाहिए.
सिर्फ कक्षा 9 में विज्ञान हीं नहीं बल्कि अन्य कक्षाओं और विषयों से भी कई ऐसे टॉपिक हटाए गए हैं जिसे लेकर सभी हैरत में हैं. जैसे कक्षा 11 में नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा विषय में से बाल सुरक्षा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल मजदूरी, शिक्षा का अधिकार, यौन उत्पीड़न समेत कई अन्य चीजें हटाई गई हैं.
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री और प्रवक्ता डॉ आरपी मिश्रा का कहना है कि ये ऐसे विषय हैं जो बच्चों के जीवनभर के लिए हैं, उन्हें हटाना तो बिल्कुल भी उचित नहीं है. इसी तरह राजनीति, कांग्रेस के इतिहास से जुड़ी बातें हटाने पर भी विवाद है. अब तो उस एक्सपर्ट कमेटी पर ही सवाल उठने लगा है जिसने सिलेबस काम करने का खाका तैयार किया था.
इस साल यह नहीं पढ़ेंगे विद्यार्थी
कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान: नाजीवाद व हिटलर का उदय, वन्य समाज व उपनिवेशवाद, चुनावी राजनीति: हम प्रतिनिधियों का चुनाव कैसे एवं क्यों करते हैं? हमारे यहां राजनीतिक दलों में प्रतिद्वंदिता क्यों है? चुनावी राजनीति में नागरिकों की सहभागिता किस प्रकार बदल गई है? स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के तरीके.
विज्ञान: स्वास्थ्य एवं रोग : संक्रामक व असंक्रामक बीमारियां, कारण व सुरक्षा, वायरस, बैक्टीरिया एवं प्रोटोजोन्स व उनकी रोकथाम, पल्स पोलियो कार्यक्रम.
कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान : राजनीतिक दल : प्रतियोगिता व प्रतिवाद में राजनीतिक दलों की भूमिका क्या होती है? भारत में प्रमुख राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल कौन से हैं?
कक्षा 11 नैतिक, योग, खेल व शारीरिक शिक्षा : नागरिकता व भावनात्मक एकता : परिवार व समाज के प्रति शिष्टाचार, विश्व बंधुत्व, सर्वधर्म समभाव, मूल कर्तव्य, बाल संरक्षण: अव्यवस्कों को बुरी आदतों से बचाना व उसके दुष्परिणाम से अवगत कराना. हानिकारक प्रथाएं बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल मजदूरी, शिक्षा का अधिकार, यौन उत्पीड़न, शारीरिक दंड, परीक्षा का बोझ, स्कूलों में बच्चों का अधिकार.
नागरिक शास्त्र: चुनाव व लोकतंत्र, स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव, चुनाव सुधार, निर्वाचन क्षेत्रों का आरक्षण, स्थानीय शासन: 73वां व 74वां संविधान संशोधन.
भूगोल: प्राकृतिक आपदाएं व संकट: कारण परिणाम व प्रबंध.
कक्षा 12 नैतिक, योग, खेल व शारीरिक शिक्षा: मानव अधिकार: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, सार्वभौम घोषणा, मानवाधिकार व भारत का संविधान, महात्मा गांधी व मानवाधिकार.
इतिहास: विभाजन को समझना : 1940 का इतिहास, राष्ट्रीयता, संप्रदायवाद व विभाजन (पंजाब व बंगाल के विशेष संदर्भ में )
नागरिक शास्त्र: समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व, भारत- अमेरिका संबंधों का पुनर्निधारण। समकालीन विश्व में सुरक्षा, वैश्वीकरण। स्वतंत्र भारत में राजनीति : एक दल के प्रभुत्व का दौर। कांग्रेस कार्यप्रणाली की चुनौतियां : नेहरू के बाद की राजनीतिक परिपाटी, गैर कांग्रेस वाद और 1967 का चुनावी विचलन, कांग्रेस का विभाजन एवं पुनर्गठन, कांग्रेस की 1971 के चुनाव में विजय.
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