UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में तैनात डॉक्टरों को अपने निर्धारित स्थानों पर रात भर रहने की हिदायत दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने निर्धारित स्थान पर डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट की निगरानी करें और सरकार को सूचित करें. सीएम की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब राजधानी लखनऊ में राजभवन के सामने एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया. हालांकि नवजात की मौत हो गई. इस घटना के से ही सरकार, विपक्ष के निशाने पर है.
उन्होंने ये निर्देश गोरखपुर के सर्किट हाउस में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गोरखपुर-बस्ती क्षेत्र में जापानी एन्सेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) सहित संचारी रोगों के निवारक उपायों और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए दिए.
डॉक्टरों को सख्त निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि 'सार्वजनिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सीएचसी और पीएचसी पर तैनात डॉक्टरों को रात भर रुकना चाहिए और मरीजों की देखभाल करनी चाहिए.'
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित गोरखपुर के जन प्रतिनिधि मौजूद रहे, जबकि बाकी छह जिलों के अधिकारियों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया. मुख्यमंत्री ने जेई और एईएस पर नियंत्रण के प्रयासों के लिए स्वास्थ्य विभाग समेत विभिन्न विभागों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले पांच-छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में सराहनीय काम हुआ है. उन्होंने कहा कि 'जेई और एईएस के मामलों में 98 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. इससे मृत्यु दर शून्य के करीब आ गई है.'
ब्लड बैंकों में न हो प्लेटलेट्स की कमी
राज्य में डेंगू के प्रसार पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सभी ब्लड बैंकों के संपर्क में रहने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी स्थिति में प्लेटलेट्स की कमी न हो. अगर किसी ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स की कालाबाजारी की शिकायत आती है तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. सीएचसी-पीएचसी में डॉक्टरों की कमी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि जहां भी डॉक्टरों की कमी है, वहां डीएम और सीएमओ द्वारा संविदा के आधार पर डॉक्टरों की तैनाती की जाए.
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