गोंडा. योगी सरकार प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तमाम दावे करती रहती है, लेकिन कई सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की दीमक सरकार के दावों को झुठला रही है. ताजा मामला गोंडा का है जहां जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की जड़ें फैली हुई है. आरोप है कि यहां कर्मचारी दिव्यांगों के सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर उनसे पांच हजार रुपये तक वसूलते हैं. दिव्यांग हर दिन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सुबह 4 बजे से शाम तक इसी आस में खड़े रहते हैं, लेकिन बाबू की लापरवाही के कारण 3 से 6 महीने लग जाते हैं. साल भर दफ्तर के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगती है.


सुबह से शाम हो जाने के बाद भी दिव्यागों के लिए ना तो बैठके तक की भी व्यवस्था नहीं है. कई दिव्यांगों के लिए कुर्सी तक मुहैया नही कराई गई है. साथ आये हुए लोग गोद मे उठाकर डॉक्टर साहब तक पहुंचाते हैं.


अधिकारी भी इस बेरुखी पर आंख मूंद कर बैठे हैं. वहीं, इस मामले में सीएमओ डॉ. अजय कुमार गौतम ने पूरे मामले में कार्रवाई की बात कही है. फिलहाल मामले में सिर्फ जांच के आदेश दिए गए हैं.


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