UP Tabadla Neeti 2024: लोकसभा चुनाव के बाद योगी सरकार एक्शन में है. मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति भी जारी की गई है. यह नीति क, ख और ग समूह के लिए है. यूपी सरकार द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि यह स्थानान्तरण नीति केवल वर्ष 2021-25 के लिए है. स्थानान्तरण दिनांक 30 जून, 2024 तक किये जायेंगे. समूह 'क' एवं समूह 'ख' के अधिकारी जो अपने सेवाकाल में संबंधित जनपद में कुल 3 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त जनपदों से स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था एवं समूह 'क' एवं समूह 'ख' के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाय. "विभागाध्यक्ष / मण्डलीय कार्यालयों में की गयी तैनाती अवधि को स्थानान्तरण हेतु उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जायेगा.


सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार किये जाने की व्यवस्था की गयी है. समूह 'क' एवं 'ख' के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह 'ग' एवं समूह 'घ' के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जा सकेंगे.


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समूह ग के लिए क्या हैं नियम?
सरकार ने कहा कि  समूह 'ग' हेतु पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन के संबंध में निर्गत शासनादेश संख्या- 8/2022/सा0-119/सैंतालिस-4-2022- (1/3/96) दिनांक 13 मई, 2022 के द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की गयी है एवं समूह 'ख' एवं समूह 'ग' के कार्मिकों के स्थानान्तरण यथासम्भव मेरिट बेस्ड आनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है.


सरकार ने कहा कि मंदित बच्चों / चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां "उसकी उचित देखभालव चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो.


विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश के 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकास खण्डों के समस्त जनपदोंमें तैनाती संतृप्तीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है. स्थानान्तरण सत्र के पश्चात अब समूह 'क' के साथ ही साथ समूह 'ख' के संबंध में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री अनुमोदन प्राप्त कर किये जा सकेंगे.