देहरादून, आईएएनएस। उत्तराखंड में इन दिनों सरकारी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। कर्मचारियों ने सरकार को एक महीने का समय देते हुए मांग न मानने पर एक मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच के मुख्य संयोजक नवीन कांडपाल ने आईएएनएस को बताया, "हम अपनी मांगों लेकर लगातार सरकार के पास जा रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसीलिए हमें सड़कों पर उतरना पड़ा है।"


उन्होंने बताया कि सरकार को हम लगातार तीन साल से अपनी मांगों का ज्ञापन दे रहे हैं। लेकिन इस पर कोई विचार नहीं हुआ है। कर्मचारियों की उपेक्षा सरकार को भारी पड़ेगी। अगर एक मार्च को हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे।


मंच के मुख्य संयोजक नवीन कांडपाल ने कहा, "तीन मांगों पर लिखित समझौता भी हुआ, लेकिन सरकार ने उन तीन मांगों को अभी तक भी पूरा नहीं किया। हमारी मांग है कि पदोन्नति से रोक हटाई जाए और आरक्षण खत्म किया जाए। इसके अलावा यू-हेल्थ स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी जाए। तीन पदोन्नति या सेवाकाल में 10, 16 व 26 वर्ष पर पदोन्नत वेतनमान अनिवार्य रूप से दिया जाए। पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। सेवाकाल के अंतिम एक वर्ष में ऐच्छिक स्थान पर तैनाती दी जाए। इंदु कुमार पांडे कमेटी के निर्णयों को लागू न किया जाए। विभिन्न संगठनों के साथ किए गए समझौते के अनुरूप शासनादेश जारी किए जाएं।"