UP News: उन्नाव का राजकीय बालिका कॉलेज आवारा जानवरों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है. 8 साल गुजर जाने का बावजूद कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. बच्चियों को शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से 2013 में जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कॉलेज निर्माण की योजना बनाई थी. 2016 में कॉलेज बनाने के लिए पहली किस्त भी जारी कर दी गई. लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से कॉलेज बदहाली के आंसू बहा रहा है. आपको बता दें कि 4 करोड़ 77 लाख की लागत से राजकीय बालिका कॉलेज का निर्माण होना था.


8 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका बालिका कॉलेज का निर्माण


निर्माण की पहली किस्त 2016 में कार्यदाई संस्था सीएनडीएस को जारी भी कर दी गई लेकिन 8 साल बीत जाने के बाद भी राजकीय बालिका कॉलेज बन कर नहीं तैयार हो सका है. पूरा भुगतान होने के बावजूद कार्यदायी संस्था सीएनडीएस ने काम को अधूरा छोड़ दिया है. निर्माण अधूरा छोड़ने का सवाल सीएनडीएस से पूछनेवाला कोई नहीं है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आकांक्षा दुबे का कहना है कि 4 करोड़ 77 लाख की लागत से राजकीय बालिका कॉलेज बनाया जाना था.


कार्रदाई संस्था का रिइस्टीमेट प्लान शासन स्तर पर है लंबित


कार्यदाई संस्था को पूरा भुगतान कर दिया गया. भुगतान होने के बाद कार्रदाई संस्था ने रीइस्टीमेट प्लान बना कर दिया था. रिइस्टीमेट प्लान को शासन के पास भेज दिया गया है. शासन के स्तर पर कार्यदाई संस्था का रिइस्टीमेट प्लान लंबित है. अब देखना होगा कि कब तक राजकीय बालिका कॉलेज बन कर तैयार होता है. या यूं ही जनता की गाढ़ी कमाई का पैसे बर्बाद होता रहेगा. फिलहाल सवाल बच्चियों की पढ़ाई का है. बच्चियों की शिक्षा के लिए प्लान पर पानी फिर रहा है. 


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