बांदा जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज की मान्यता छिनी, अधर में सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य
बांदा जिले के राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की मान्यता छिन गई है। सुरक्षाकर्मी और शिक्षकों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को लगातार पत्र भेजे गए, फिर भी अनदेखी का आलम बरकरार है।
बांदा, एजेंसी। सुरक्षा मानक पूरा न कर पाने की वजह से बांदा जिले के राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की मान्यता छिन गयी है। बांदा स्थित राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्राचार्य डॉक्टर मुकेश यादव ने बताया कि 104 एकड़ क्षेत्र में बने मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक बहुमंजिला इमारते हैं, लेकिन एक भी सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं है। इसी को आधार मानकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने मौजूदा सत्र की कॉलेज की मान्यता छीन ली है।
अनदेखी का आलम बरकरार
मुकेश यादव ने बताया कि वर्ष 2016 में वजूद में आये इस कॉलेज में 21 विभाग हैं, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सक और शिक्षक न होने की वजह से शिक्षण कार्य भी बाधित हो रहा है, जिससे सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है। यादव ने एक सवाल पर कहा कि सुरक्षाकर्मी और शिक्षकों की तैनाती के लिए राज्य सरकार को लगातार पत्र भेजे गए, फिर भी अनदेखी का आलम बरकरार है।
रात में लगता हैडर
एलोपैथिक चिकित्सालय की एक स्टाफ नर्स का कहना है कि यह चिकित्सालय जिला मुख्यालय से तकरीबन सात किलोमीटर की दूरी पर सुनसान इलाके में स्थित है। रात में मरीजों के इलाज के लिए ऊपरी मंजिल में जाने से डर लगता है।