Uttarakhand: आपदा पीड़ितों के लिये सरकारी फरमान बना मुसीबत, डीएम से लगाई गुहार
पौड़ी में आपदा प्रभावितों की चिंताएं बढ़ गई हैं. इसकी बड़ा वजह सरकारी फरमान है. जिसके तहत अब इन्हें सरकारी भवनों को खाली करना होगा. बता दें कि, ये परिवार यहां रुके हुये थे.
पौड़ी: पौड़ी में मानसून सीजन के इस दौर में उन आपदा प्रभावितों पर इन दिनों बडे संकट के बादल मंडारा रहे है जिनके भवन पिछली बरसात में पूरी तरह से धराशाई होकर जमीदोज हो गये थे. ऐसे आपदा प्रभावितों को कुछ सालों तक जिला प्रशासन ने खाली पडे सरकारी भवनों में ठहरने के लिये शरण तो दी गयी लेकिन अब इन्हे भवन खाली करने के नोटिस मानसून दौर थमाये जाने लगे हैं.
नोटिस बना मुसीबत
इस नोटिस से प्रभावितों को अब इस बात की चिंता हर दिन खाये जा रही है कि, इस बरसाती दौर में वे आखिर ठहरें कहा? पौड़ी जिले में भी एक ऐसा ही परिवार इस विकट संकट से इन दिनों जूझ रहा है, जिन्हें आपदा का मुआवाजा तक नसीब नहीं हो पाया और अब आपदा राहत में मिला भवन तक खाली करवाने के नोटिस प्रभावितों को जिला पंचायत विभाग द्वारा थमाये जा रहे हैं. वहीं, संबंधित विभाग ने पुलिस को पत्र भेजकर भवन को अतिशीघ्र खाली करवाने को कहा है. जिससे प्रभावितों के अति शीघ्र जिला पंचायत के पुराने भवन से हटाया जा सके. वहीं, आपदा प्रभावित परिवार अब जिलाधिकारी से भवन को खाली करने के लिये 6 माह की मोहलत मांग रहा हैं. वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि तय सीमा के लिये ही प्रभावितों को भवनों में आपदा मानकों के तहत ठहराया जाता है.
जिलाधिकारी ने बताई वजह
वहीं, समय सीमा पूरी होने के बाद इन भवनों को खाली करवाने की कार्यवाही अमल में लायी जाती है ताकि, आपदा दौर में बेघर हो चुके अन्य बेसहारा परिवारों के ठहरने के व्यवस्था भी बनायी जा सके और उन्हें उचित स्थान पर ठहराकर शरण दी जा सके. जिलाधिकारी ने बताया कि, 6 माह तक परिवार को मोहलत दी जाये या नहीं इस पर वे विचार विमर्श करने के बाद ही फैसला करेंगे जबकि प्रभावितों को मुआवाजा किन कारणों से नहीं मिल पाया इसकी वे पडताल करवायेंगे.
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