UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के हर जिले में दिव्यांग बच्चों के लिए बचपन डे केयर सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को केंद्र स्थापित करने के लिए जमीन तलाशने का आदेश दे दिया है. वर्तमान में लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, बरेली और नोएडा में केंद्र चलाए जा रहे हैं.


केंद्र में होगी यह सुविधा


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक निःशक्तजन सशक्तिकरण के चीफ सेक्रेटरी सचिव हेमंत राव के द्वारा परिचालित कार्य योजना में जिलाधिकारियों को 3-7 वर्ष आयु वर्ग के 80 बच्चों तक के लिए केन्द्रों की योजना बनाने के लिये कहा गया है. प्रत्येक केंद्र में एक भाषण चिकित्सक, विशेष शिक्षक, परिचारक-सह-कार्यवाहक, सफाई कर्मचारी, चौकीदार, फिजियोथेरेपिस्ट, काउंसलर के साथ एक ड्राइवर और एक मोटर वाहन उपलब्ध कराने की बात की गई है. केंद्र में नियमित स्वास्थ्य की जांच की जाएगी और साथ ही को सहायक उपकरण और किट मुफ्त में उपलब्ध की जायेगी. बच्चों को बेहतर इलाज और परामर्श देने के लिए भवन में कम से कम सात कमरे बनाये जायेंगे. 


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केंद्र में भर्ती कराने के नियम अधिकारियों के अनुसार, यूपी में लगभग 42 लाख दिव्यांग व्यक्ति हैं. 3-7 वर्ष के आयु के बच्चों की चिकित्सा की आवश्यकता का पता एक वर्ष के बाद केंद्रों के चालू होने के बाद ही चल पाएगा. बच्चों को गैर-आवासीय केंद्रों में भर्ती कराने के लिए, उनके अभिभावकों को एक चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि दिव्यांग व्यक्ति अधिनियम, 2016 में परिभाषित श्रेणियों के तहत बच्चा कम से कम 40% दिव्यांग है. संबंधित अधिकारियों को स्वयंसेवकों को शामिल करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों से संपर्क करने की बात कही गई है. वहीं अकुशल स्टाफ सदस्यों को मानदेय का भुगतान किया जाएगा. परामर्शदाता माता-पिता और अभिभावकों के साथ भी सत्र आयोजित करेंगे ताकि बच्चों के बाद उनके सर्वांगीण विकास को भी सुनिश्चित किया जा सके. 


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