सरकारी योजनाओं के लाभ से कोसों दूर है गाजीपुर का ये परिवार, प्रधान से लेकर अफसर तक बेपरवाह
सरकार अपनी योजनाओं का प्रचार खूब करती है. दावा किया जाया है कि, हर गरीब को आवास और गैस कनेक्शन का. लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में आकर ये बातें हकीकत से दूर नजर आती हैं.
गाजीपुर: उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के द्वारा आमजन के लिए अनेकों योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन यह योजना लाभार्थी तक कितना पहुंच रही हैं, इसकी बानगी जनपद गाजीपुर के किसी भी ग्राम सभा में आसानी से देखा जा सकता है और इसी हकीकत की पड़ताल करने के लिए हम पहुंचे भावर कोल ब्लॉक के जगदीशपुर खास गांव में. जहां पर हमें दो ऐसे परिवार मिले जिन्हें आज तक शासन के द्वारा चलाई जाने वाली विकास की योजनाएं इनकी दहलीज तक नहीं पहुंची. जिसकी वजह से आज भी अपने पूरे परिवार के साथ बिना दरवाजे वाले घर में झोपड़ी में रहने को मजबूर है.
पांच सदस्यों वाला परिवार झोपड़ी में रहने को मजबूर
भावर कोल ब्लॉक के जगदीशपुर खास की रहने वाली दुर्गा देवी हैं, जिनका पति मजदूरी कर परिवार चलाता है. जिसके वजह से आमदनी अधिक नहीं होने के चलते किसी भी तरह अपने तीन बच्चों के साथ कुल 5 परिवार के लोग झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. दुर्गा देवी से जब बात हुई तो उन्होंने बताया की झोपड़ी में पिछले 10-15 सालों से रह रही हैं. उन्होंने गांव के प्रधान से कई बार प्रधानमंत्री आवास और शौचालय के लिए गुहार लगाया लेकिन अभी तक उन्हें इन दोनों योजनाओं के साथ ही पेंशन, उज्जवला गैस सहित किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला. हैरानी तो तब होती है, जब उनके परिवार में सुरक्षा के नाम पर एक दरवाजा भी नहीं है. ऐसे में रात के अंधेरे में यदि कोई घटना दुर्घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह भी एक बड़ा सवाल है?
शौचालय मिला लेकिन प्रयोग लायक नहीं
अभी हम इस परिवार के हकीकत की पड़ताल करने के बाद जैसे ही आगे बढ़े, हमें एक महिला मिली, जिसका नाम रीता था. उसका पति भी मजदूरी का काम करता है. जब उसके घर के अंदर हम पहुंचे तो उसने रो-रोकर अपने गरीबी का बखान करना शुरू किया और उसने बताया कि उसके परिवार में कुल आठ सदस्य हैं, जिसमें से तीन लड़कियां उनके पाटीदार की हैं, जिनके माता-पिता की मौत हो चुकी है उनका भी लालन पालन करती हैं, लेकिन उन्हें भी आज तक किसी भी तरह की योजना का लाभ नहीं मिल सका है. ग्राम प्रधान से लगातार कई बार कहने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास और उज्जवला गैस सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है. हालांकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय तो मिला है, लेकिन वह प्रयोग करने के लायक नहीं है. बताते चलें कि, रीता देवी ग्राम प्रधान राजेंद्र पासवान की पट्टीदार भी हैं, बावजूद इसके ग्राम प्रधान के द्वारा इन्हें किसी भी तरह की योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है.
सीडीओ ने दी सफाई
वह जब इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रकाश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने तत्काल भावर कोल ब्लॉक के बीडीओ से बात कर तत्काल दोनों परिवारों से मिलकर उनकी यथास्थिति की जानकारी लेने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि, यदि वह किसी अन्य योजना के पात्र पाए जाते हैं तो उन लोगों को उन योजनाओं से अभी आच्छादित करने का काम किया जाएगा.
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