Jalaun: शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, रद्दी में मिली सरकारी स्कूल में बंटने वाली किताबें
उत्तर प्रदेश के जालौन में सरकारी प्राइमरी स्कूल की किताबें रद्दी में मिली हैं. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि, सत्र बीत जाता है, तब भी छात्रों को पुस्तकें नहीं मिल पाती.
जालौन: सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत नौनिहालों के भविष्य संवारने के लिए सरकारी किताबें हर प्राथमिक विधालय में भेजी जाती हैं. हर साल स्कूलों में समय से पुस्तके न बंटने का शोर मचता है, क्योंकि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार सरकारी योजनाओं में पलीता लगा देते हैं. ताजा मामला कालपी तहसील के कदौरा ब्लाक के ग्राम बबीना खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का है. जहां शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है.
जिम्मदारों के पास नहीं है कोई जवाब
यहां छात्रों को बांटी जाने वाली 2020 और 2021 सत्र की किताबें कूड़े के ढेर की तरह पड़ी हुई हैं. रद्दी की तरह पड़ी इन किताबों की फिक्र इन जिम्मेदारों को नहीं है. मीडिया द्वारा मामला संज्ञान में आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए.
किताबों के वितरण में चल रहा है गड़बड़ी का खेल
इस साल भी बच्चों को बिना किताबों के पढ़ाई करनी पड़ेगी. इस सवाल पर न तो विद्यालय तंत्र कुछ बोल रहा है और न ही विभाग. ग्रामीणों के अनुसार किताबों के वितरण में गड़बड़ी का खेल चल रहा है. सत्र के कई-कई माह गुजरने के बाद किताबें पहुंचती हैं. इसके बाद स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से इनको नहीं पहुंचाया जाता. ज्यादातर जगह कमाई के खेल में छात्रों की संख्या अधिक दर्शाई जाती है. वहीं, कई स्कूलों में वितरण में लापरवाही बरती जाती है. बाद में इन किताबों को इसी तरह ठिकाने लगा दिया जाता है. बीते वर्षों की अगर बात करें, तो जिले में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को कभी भी पूरी किताबें नहीं मिली हैं. विभाग ने आधा अधूरा कोर्स वितरित कर शासन को रिपोर्ट भेज दी थी.
वहीं, जालौन के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र ने बताया कि मीडिया के माध्यम में मामला संज्ञान में आया है, खंड शिक्षा अधिकारी को बीआरसी कदौरा में निरीक्षण के लिए भेज दिया है. जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.
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