(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दिलाई शपथ, कहा- दहेज की मांग पर मंडप से उठ जाएं बेटियां
पूर्वांचल विवि के 23वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि युवा वर्ग को दृढ़ संकल्प के साथ सामने आना होगा। समाज और देश को पीछे ले जाने वाली सामाजिक कुरीतियों का सामना करना होगा।
जौनपुर, एबीपी गंगा। शादी में वर पक्ष की तरफ से दहेज की मांग की जाए तो बेटियां मंडप से उठ जाएं। साफ कह दें कि उन्हें विवाह नहीं करना है। लड़का कोई और दुल्हन तलाश ले। ये शपथ राज्यपाल अनंदी बेन पटेल ने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि की छात्राओं को दिलाई।
राज्यपाल मंगलवार को विवि के 23वें दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंची थीं। विवि से सम्बद्ध कॉलेजों के 65 मेधावियों को कार्यक्रम अध्यक्ष राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हाथों से गोल्ड मेडल दिया गया। कई विषयों में शोध करने वाले 121 अभ्यर्थियों को भी उपाधि दी गई। राज्यपाल ने सभी को बेहतर भविष्य की शुभकामना दी।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि इन्हीं छात्रों से राष्ट्र का भविष्य है। युवा हर तरह से समक्ष होता है। इसी शक्ति से देश हर समस्या का सामना करता है। जौनपुर का अस्तित्व उत्तर वैदिक काल से है। यहां के युवाओं में बहुत क्षमता है। युवा वर्ग को दृढ़ संकल्प के साथ सामने आना होगा। समाज और देश को पीछे ले जाने वाली सामाजिक कुरीतियों का सामना करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि बिना दहेज के शादी कर मिसाल पेश करनी होगी। गोल्ड मेडल आपको मिला है इसको देख कर सोचिए कि अब शादी में गोल्ड की मांग नहीं करेंगे। लड़कियों को दहेज के लिए आत्महत्या करनी पड़ती है। युवा वर्ग तय कर ले कि हमें न सोना, गाड़ी और बांगला नहीं चाहिए, तभी शिक्षा का महत्व है।
राज्यपाल ने कहा कि टीबी गंभीर बीमारी है। विश्व के चार मरीजों में से एक भारत का होता है। देश के 27 लाख मरीजों में 20 प्रतिशत यूपी का है। सबसे अधिक मरीज यहीं हैं। पीएम मोदी ने कहा है कि 2025 तक भारत की टीबी मुक्त कराएंगे। टीबी मरीजों को हमें गोद लेना चाहिए। उनकी देखभाल सप्ताह में एक बार भी कर लेने से उन्हें बीमारी से मुक्ति दिलाई जा सकती है।
कुपोषित बच्चों को लेकर बोलते हुए आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमें जिम्मेदारी उठानी होगी। इसके लिए महिलाओं को भी जागरूक करना होगा। अस्वस्थ गर्भवती की समय पर जांच न होने से ही कुपोषित बच्चों का जन्म होता है। यूपी में 50 प्रतिशत किशोरियां और युवतियां कुपोषण की शिकार हैं। उन्हें भी जागरूक करना होगा कि क्या खाएं और कैसे रहें। प्रसव घर नहीं अस्पताल में होना चाहिए जिससे जच्चा-बच्चा की जान सुरक्षित रहे। बाल विवाह अब भी हो रहा है। इस पर लगाम लगानी जरूरी है। इसमें शामिल लोगों को जेल होनी चाहिए। इसके लिए हमें भी आवाज उठानी चाहिए। पुलिस से शिकायत करनी चाहिए। हमें पानी के दुरुपयोग से बचना होगा।