देहरादून, एजेंसी। चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि राज्य के चारों धामों तथा अन्य मंदिरों के प्रबंधन का कार्य इसी बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा लेकिन इनसे जुडे तीर्थ पुरोहितों के अधिकार यथावत बने रहेंगे।


मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा लेकिन इनसे जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ पुरोहितों, पंडों और अन्य हक-हकूकधारियों के वर्तमान में प्रचलित दस्तूर और अधिकार यथावत रहेंगे।


चार धामों के अलावा उसके आसपास स्थित 50 से ज्यादा मंदिरों के प्रबंधन के लिये उत्तराखंड सरकार यह विधेयक पिछले साल नौ दिसंबर को विधानसभा में लायी थी। इस विधेयक को विधानसभा में रखे जाने से पहले से ही तीर्थ पुरोहित इसका विरोध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा।


उन्होंने कहा कि प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से हिन्दू श्रद्धालु आना चाहते हैं और हमें अच्छे आतिथ्य के लिए जाना जाता है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ही यह विधेयक लाया गया है।