भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर अफजाल अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पारसनाथ राय ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि चुनाव भले ही पहले बार लड़ रहा हूं पर गाजीपुर में कोई ऐसा गांव नहीं है जहां सामाजिक कार्य में मेरी मोटरसाइकल किसी क्षेत्र में न पहुंची हो. उन्होंने कहा में संघ का स्वयंसेवक हूं , 12 वर्ष जिला कार्यवाह रहा , सह विभाग कार्यवाह रहा, विभाग कार्यवाह रहा, और अब संपर्क प्रमुख विभाग का कार्यवाह रहा हूं. अनेक बार चुनाव की पूरी व्यवस्था देखा हूं पर फर्क इतना है कि चुनाव पहली बार लड़ रहा हूं. संघ ने जब जब जो जिम्मेदारी दी वो निभाई और ये भी निभाऊंगा.उन्होंने कहा कभी नहीं सोचा था कि चुनाव लडूंगा मैं.
'पहली बार फोन आया तो नहीं हुआ विश्वास'
पारसनाथ राय ने कहा कि जब पहली बार उन्हें फोन आया कि उन्हें प्रत्याशी बनाया जा रहा है तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ . पर जब उनकी जिला अध्यक्ष से बात हुई तब उन्हें इस बात की पुष्टि हुई कि वही प्रत्याशी है. उन्होंने कहा कि जब फोन आया तो वो कक्षा में बच्चों को पढ़ा रहे थे , बच्चों को पढ़ाना उनका शौक है और उन्हें हिंदी , संस्कृत और इतिहास पढ़ाने में रुचि है. उन्होंने कहा कि टिकट देने के पहले संघ कार्यालय से फोन आया था पर तब समझ नहीं आया कि टिकट के लिए उन्हें फोन किया जा रहा है.
'कई लोग हैं जो मदद करेंगे चुनाव में'
पारसनाथ राय ने कहा कि चुनाव में आजकल बड़े पैसे लग रहे हैं. मैं तो शिक्षक आदमी हूं पर बहुत से ऐसे लोग हैं जो मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिवार में टिकट मिलने पर उनके भाई ने कहा कि ठीक से चुनाव लड़ना है
विरोधियों पर क्या कहा?
पारसनाथ राय ने इंडी गठबंधन पर बात करते हुए कहा कि 2019 में भले ही सपा बसपा का गठबंधन था पर इस बार सपा - बसपा का गठबंधन नहीं है और सपा कांग्रेस के गठबंधन में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बार बहुजन समाज पार्टी का भी कोई वजूद इस चुनाव में नहीं दिख रहा है, उन्होंने दावा किया कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी जिस समाज के हैं उस समाज के लोग भाजपा के साथ दिख रहे हैं.
क्या मनोज सिन्हा ने दिलाया टिकट?
पारसनाथ राय ने कहा कि मनोज सिन्हा का उन्हें टिकट दिलाने में कोई योगदान रहा या नहीं यह वो नहीं जानता. पर उन्हें नहीं लगता कि मनोज जी ने किसी से मुझे टिकट दिलाने के बारे में कहा है . उन्होंने कहा कि मुझे लगता है मेरा टिकट संघ की तरफ से हुआ है . उन्होंने कहा कि मनोज सिन्हा जी का फोन आया और मुझसे कहा कि टिकट मिल गया है, तो क्या करेंगे कैसे करेंगे, तो हमने कहा चुनाव लड़ेंगे बढ़िया से. पारसनाथ राय ने कहा कि मनोज सिन्हा जी अपनी संविधानिक मर्यादाओं में बंधे हैं लेकिन उनका संबंध इतना है कि मैं जहां भी जा रहा हूं वहां उनके संबंधों का फायदा मुझे मिल रहा है.
केंद्र में मंत्री बनाए जाने पर ये बोले
पारसनाथ राय ने कहा कि मुझे तो यही नहीं पता था कि मुझे चुनाव लड़ना है पर अब चुनाव लड़ रहा हूं. बाकी पार्टी जो जिम्मेदारी देगी उसका अच्छे से निर्वहन करुंगा.