हरियाणा में राज्यपाल का तमाशा बना दिया... इस वजह से भड़के नगीना सांसद चंद्रशेखर, पीएम से मांगा जवाब
Nagina सांसद चंद्रशेखर ने आरोप लगाया है कि हरियाणा में राज्यपाल का तमाशा बनाकर रख दिया गया है. उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं.
Haryana News: उत्तर प्रदेश स्थित नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सोशल मीडिया साइट एक्स पर चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि हरियाणा में राज्यपाल का तमाशा बना दिया है. नगीना सांसद ने लिखा कि एक ही मंच पर राज्यपाल, उपराज्यपाल सबको बैठाना गलत था.
नगीना सांसद ने लिखा कि कल चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी के शपथ ग्रहण समारोह में सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ाकर एक बार फिर ये साबित कर दिया गया कि मौजूदा सरकार के लिए संवैधानिक पद महज कठपुतली बनकर रह गए हैं. एक तरफ भाजपा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे दूसरी तरफ आजादी के बाद पहली बार राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद को तमाशबीन बनाकर बैठा दिया गया.
उन्होंने लिखा कि सोचिए संविधान निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डॉo भीमराव अंबेडकर होते तो क्या ये सब तमाशा देखकर उनको दुख नहीं होता कि कि हमने भारतीय राजव्यवस्था में राज्यपाल के पद का सृजन क्या इसीलिए कराया? शपथ ग्रहण में पहली बार कई राज्यों के राज्यपाल (गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना) को बुलाया गया, इससे साफ हो गया है कि भाजपा ने संवैधानिक पदों का राजनीतिकरण महज अपनी ब्रांडिंग के लिए किया है.
कल चंडीगढ़ में हरियाणा प्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी के शपथ ग्रहण समारोह में सरेआम संविधान की धज्जियां उड़ाकर एक बार फिर ये साबित कर दिया गया कि मौजूदा सरकार के लिए संवैधानिक पद महज कठपुतली बनकर रह गए हैं।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 18, 2024
एक तरफ भाजपा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे दूसरी तरफ आजादी…
सांसद ने लिखा- संविधान में राज्यपाल का पद राज्य सरकार के ऊपर एक निष्पक्ष भूमिका के लिये राज्य के संवैधानिक मुखिया के रूप में सृजित किया गया था, लेकिन कल मुख्यमंत्री जी के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम राज्यों के राज्यपाल और एक उपराज्यपाल को बुलाकर एक मंच पर बैठाना यह साबित करता है कि वो राज्यपाल और उपराज्यपाल बनने के बाद, आज भी भाजपा के कार्यकर्ता हैं न कि संविधान में वर्णित संवैधानिक मुखिया.
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष जब भी केन्द्र की भाजपा सरकार पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगते हैं तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी संविधान की रक्षा और उसके मूल्यों को बनाए रखने की बात करते हैं लेकिन ये सब उनकी ही मौजूदगी में हो रहा था या यह कह सकते हैं कि उनके के ही दिशा-निर्देशन में हो रहा था.
सांसद ने लिखा कि ऐसे में संविधान को माथे पर लगाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिये कि संविधान की खुलेआम धज्जियां उड़ाने का जिम्मेदार कौन है?