Govardhan Puja 2023: वाराणसी में गोवर्धन पूजा पर निकली भव्य शोभा यात्रा, झांकियों ने भी मोहा लोगों का मन
Govardhan Puja: वाराणसी में गोवर्धन पूजा पर भव्य शोभा निकाली गई. अलग-अलग जगहों से गुजर रही शोभा यात्रा का लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया. परंपरा का पालन धूमधाम से किया गया.
Govardhan Puja 2023: पांच दिनों के दीपावली महापर्व में चौथे दिन गोवर्धन पूजा करने की परंपरा है. काशी में भी दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन की पूजा की जाती है. आज अलग-अलग झांकियों के साथ भव्य शोभा यात्रा निकली. शोभा यात्रा में शामिल लोगों के सिरों पर केसरिया साफा बेहद आकर्षक दिखाई दे रहा था. दिवाली के अगले दिव काशी में गोवर्धन पूजन की परंपरा दशकों से निभाई जा रही है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने मूसलाधार बारिश में बृजवासियों और गोपियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठ उंगली से उठा लिया था. इस तरह उन्होंने बृजवासियों और गोपियों को भगवान इंद्र के गुस्से से बचाया.
गोवर्धन पर्व पर निकली भव्य शोभा यात्रा
तब से हर साल दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाए जाने लगा. परंपरा का निर्वहन करते हुए यादव की लहुराबीर से भव्य शोभायात्रा निकली. शोभा यात्रा में अलग-अलग झांकियां भी लोगों का मन मोह रही थीं. श्रद्धालुओं के सिरों पर बंधे केसरिया साफे सुंदर नजारा पेश कर रहे थे.
झांकियां भी लोगों का मोह रही थीं मन
शोभा यात्रा में जमकर आतिशबाजी हुई. लोग नाचते गाते आगे बढ़ रहे थे. यादव बंधुओं में गोवर्धन पर्व पर शोभा यात्रा उत्साहपूर्वक निकालने की परंपरा है. ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते थिरकते लोगों का अलग-अलग जगहों पर स्वागत सत्कार हुआ. शोभा यात्रा की शुरुआत लहुराबीर से निकाली गई. अलग-अलग जगहों से गुजर रही शोभा यात्रा में लोगों ने फूल डालकर श्रद्धा प्रकट की. गोवर्धन पूजा में गायों को पूजा जाता है. गायों को देवी लक्ष्मी का स्वरूप कहा गया है. पर्व पर महिलाएं घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर पूजा करती हैं.