Noida News: दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्रीय प्रदूषण निगरानी संस्था सीएक्यूएम ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप-3) लागू करने का फैसला लिया था. इसके साथ ही जीआरएपी की शर्तें लागू होने के बाद दिल्ली में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दिए गए हैं. नोएडा-गाजियाबाद में प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लगभग 4 लाख पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने का निर्णय लिया है.
दरअसल GRAP 3 के तहत बीएस -3 पेट्रोल और बीएस -4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसकी वजह से अकेले नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) में 1.8 लाख और गाजियाबाद में करीब 2 लाख ऐसे वाहन हैं जो इस पाबंदी की सूची में आते हैं. नोएडा में कुल 10.4 लाख पंजीकृत वाहनों में से, बीएस-3 श्रेणी के 96,210 पेट्रोल और 41,067 डीजल वाहन हैं, जबकि 41,516 बीएस-4 डीजल वाहन पंजीकृत हैं.
GRAP-3 लागू होने तक वाहनों पर रहेगी पाबंदी
गाजियाबाद में 1.7 लाख बीएस-3 वाहनों में से 1.6 लाख पेट्रोल और 10,931 डीजल वाहन हैं, साथ ही 75,651 वाहन बीएस-4 डीजल श्रेणी में आते हैं. इन वाहनों पर पाबंदी तब तक लागू रहेगी जबतक दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए GRAP -3 लागू रहेगा. फिलहाल दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बहुत ही खराब श्रेणी में पहुंच गई है. यही वजह है कि दिल्ली में बीएस -3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल के वाहनों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है ताकि सड़कों पर वाहनों को कम किया जा सके और वाहनों से निकलने वाले धुएं में कमी लाई जा सके.
दिल्ली में बच्चों की क्लास ऑनलाइन
बता दें कि प्रदूषण की वजह से ही दिल्ली में कक्षा 5 तक के स्कूलों में फिजिकल क्लास बंद कर दी गई है. ऑनलाइन क्लास बच्चों को दी जा रही है ताकि बच्चे इस जहरीली हवा से बच सके. वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री GRAP -3 की पाबंदियों को सख्ती से लागू कराने के लिए खुद ग्राउंड जीरो पर उतर कर बीएस- 3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ियों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई करते हुए नजर आ रहे है. लेकिन दिल्ली ,नोएडा ,गाजियाबाद में आज भी कई इलाकों में बीएस -3 पेट्रोल और बीएस -4 डीजल के वाहन चलते हुए देखे जा रहे है. इसलिए GRAP -3 की पाबंदियों को सख्ती से लागू कराने की जरूरत है ताकि वायु प्रदूषण से लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.
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