Kanpur News: आवश्यकता आविष्कार की जननी है और यही फॉर्मूला नई खोज को जन्म देता है. आज जिससे हमें मानव जीवन में नए नए प्रयोग और आविष्कारों से आगे बढ़ते हैं लेकिन इसमें न जाने कितने सालों की मेहनत और संघर्ष जुड़ा होता है. ऐसे ही एक संघर्ष और मेहनत का परिचय कानपुर के उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कुछ प्रोफेसर ने मिलकर खोज निकाला है. एक ऐसा तरल जो तमाम बैक्टीरिया को खत्म करने में कारगर है.
यूं तो हम फल को खाते हैं लेकिन क्या आप ने कभी सोचा था की कोई फल हमारे जीवन में ढाल का काम करेगा और हमें तमाम तरह के बैक्टीरिया से बचाएगा. अंगूर का नाम तो सुना होगा लेकिन अंगूर के बीज से तेल निकलकर कुछ वैज्ञानिकों ने अविष्कार कर दिया जिसे घायल के जख्म पर लगाने से जख्म भर जाते हैं, कपड़ों पर डालने से बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं.
कानपुर यूपीटीटीआई की प्रोफेसर नीलू कॉम्बो और डॉक्टर सौरभ पांडे ने मिलकर एक खोज की जिसमें अंगूर के बीज से तेल निकाल कर एंटी फंगल इमलशन तैयार किया गया है. जिसको तमाम तरह के बैक्टीरिया जैसे जख्मों में कपड़ों में पसीने से होने वाले बैक्टीरिया, खाद पदार्थों के भंडारण को लंबे समय तक बढ़ाने के लिए काम में लिया जा सकता है. इसके साथ ही कैंसर जैसे रोग में भी कारगर बताया जा रहा है.
वहीं यूपीटीटीआई की फ्रोफेसर नीलू कॉम्बो ने बताया की ये खोज साल 2022 में पूरी हुई थी. तभी इसे पेटेंड भी कराया गया था, इस खोज में अंगूर के बीच से तेल बनाकर उसे अलग अलग तरीके से इस्तेमाल किया गया. तरल होने के चलते इसे आसानी से किसी भी रूप बदलकर आवश्यकता के मुताबिक प्रयोग किया जा सकता है. प्रोफेसर नीलू ने बताया की खासकर ये स्वास्थ्य विभाग, टेक्सटाइल में ज्यादा कारगर होगा. भारत सरकार की ओर से इस पीटेंड भी कराया गया है और जल्द ही सरकार के द्वारा इसे मानव सुरक्षा में प्रयोग किया जाएगा.
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