नोएडा: ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में एक बार फिर प्राधिकरण ने कार्रवाई शुरू करते हुए इमारतों को ध्वस्त करने का कार्य शुरू किया है. प्राधिकरण उन इमारतों को ध्वस्त कर रहा है जिन्हें 17 जुलाई 2018 की घटना के बाद जांच में अवैध घोषित कर सील कर दिया गया था. प्राधिकरण ने इन इमारतों की जांच आईआईटी दिल्ली से कराई थी. जांच में दर्जनों इमारतों के निर्माण में खामियां पाई गई थी, जिसके बाद उन्हें सील कर दिया गया था. अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ध्वस्त करने की कार्रवाई कर रहा है.
लोगों के बारे में भी सोचे प्रशासन
प्राधिकरण की इस कार्रवाई से अवैध कारोबार करने वाले बिल्डर खौफ में हैं. वहीं, इलाके के लोगों का कहना है कि अवैध निर्माण गिराए जाएं, लेकिन जिन लोगों ने अपनी पूरी गाढ़ी कमाई इन बिल्डरों को सौंप दी है उनके लिए भी प्रशासन और सरकार सोचे. क्योंकि, जब ये अवैध निर्माण शुरू होते हैं तब प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखें मूंद लेते हैं. जैसे ही ये अवैध निर्माण बनकर बिक जाते है तो प्रशासन की निगाहों में ये अवैध हो जाते हैं. अगर वक्त रहते ही इन निर्माण कार्यों को रोक दिया जाए तो आम आदमी बिल्डरों की झांसे में नहीं आएगा.
17 जुलाई 2018 को हुआ था हादसा
बता दें कि, 17 जुलाई 2018 को शाहबेरी की दो इमारतें भरभरा कर गिर गईं थी जिसमें 9 लोगों की दबकर मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार हरकत में आई और उसने पूरे शाहबेरी के मकानों की आईआईटी दिल्ली से जांच कराई. जांच में जिन मकानों के निर्माण सही नहीं पाए गए उन्हें सील कर दिया गया और अब उन्हीं की इमारतों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
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