Uttar Pradesh News: यूपी के ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी दादरी क्षेत्र के 24 गांवों के किसानों के परिवारों की महिलाएं, पुरुष और बच्चे एक समान मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ एक बार फिर प्रदर्शन कर रहे हैं. यहां सैकड़ों किसान एनटीपीसी के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए एनटीपीसी के मुख्य मार्ग को छावनी में बदल दिया. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए यहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया. इसके बाद किसानों ने एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरु कर दिया.
नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे ये महिला, पुरुष और बच्चे एनटीपीसी दादरी क्षेत्र के 24 गांवों के किसानों के परिवारों के लोग हैं. इनकी जमीन एनटीपीसी के प्लांट को बनाने के लिए अधिग्रहित की गई थी. बीते साल नवम्बर में जब किसानों के प्रदर्शन किया था और एनटीपीसी के मुख्य प्रवेश मार्ग को जाम कर दिया तब पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार और लाठीचार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था. इस बार पुलिस ने बैरिकेडिंग कर इलाके को छवनी में बदल दिया, जिसके बाद किसानों ने एनटीपीसी से आ रही नहर में उतर कर नारेबाजी और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
किसानों का क्या है आरोप
इन किसानों का आरोप है कि एनटीपीसी के प्लांट बनने समय ये वादा किया गया था कि यहां क्षेत्रीय युवाओं को नौकरी में तवज्जो दी जाएगी. बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल और अस्पताल खोले जाएंगे, सामुदायिक भवन बनेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 30 साल में एक भी वादा पूरा नहीं किया गया.
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान ने बताया कि एनटीपीसी में करीब 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1986 में किया गया था, जिसके लिए एनटीपीसी ने किसानों को 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया था. वहीं इस वित्तीय वर्ष में कुछ किसानों को 120 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था. दोनों मुआवजे की दर में बहुत अंतर होने के चलते किसान आंदोलन करके एक समान मुआवजा दर की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रभावित किसानों के परिवार से एक को एनटीपीसी में नौकरी दी जाए और अन्य सुविधाएं भी दी जाएं. इसे लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं.