ग्रेटर नोएडा में किसानों का हल्लाबोल, 5 सूत्रीय मांग को लेकर किया यमुना प्राधिकरण का किया घेराव
Farmers Protest in Greater Noida: किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर बीते कई दिनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान ने मांगें न मानने पर सरकार को आरपार की लड़ाई की चेतावनी दी है.
Greater Noida News Today: ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण पर संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 10 किसान संगठनों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस दौरान अलग-अलग किसान संगठन जत्थों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के धरना स्थल से यमुना प्राधिकरण पहुंचे और जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.
यहां किसान ट्रैक्टर ट्राली और गाड़ियों में सवार होकर डीजे की धुन पर प्राधिकरण पहुंचे और महापंचायत में शामिल हुए. महिलाओं ने भी इस महापंचायत में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्राधिकरण लगातार किसानों की अनदेखी कर रहा है.
यमुना प्राधिकरण का किया घेराव
इससे पहले प्राधिकरण के अनदेखी की वजह से 25 नवंबर को किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया था और फिर वहीं पर धरना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में आज अगले पड़ाव में किसानों ने यमुना प्राधिकरण का घेराव किया है.
बताया जा रहा है कि अब किसानों का धरना यमुना प्राधिकरण पर ही चलेगा और उसके बाद किसान दो मार्च को दिल्ली के लिए कूच करेंगे. किसान नेता रूपेश वर्मा ने कहा कि प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है. आज हुई महापंचायत में 10 से ज्यादा किसान संगठनों के हजारों किसान पहुंचे.
2 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच
रूपेश वर्मा ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के अनुसार महापड़ाव 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर था, इसके बाद अब गुरुवार (28 नवंबर) से 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण पर जारी रहेगा. इसके बाद आंदोलन का तीसरा और अंतिम चरण 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच के रूप में होगा.
इस आंदोलन में 10 किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि अब आरपार की लड़ाई होगी या तो प्राधिकरण को किसानों की मांगें माननी होंगी या किसान लंबा आंदोलन करेंगे. किसानों के आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात किया गया.
किसान की क्या है मांग?
किसान इस दौरान पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्राधिकरण के सामने महापंचायत करेंगे. आइये जानते हैं किसानों की क्या है मुख्य मांगें-
1. पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 फीसदी प्लॉट और 64.7 फीस बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए.
2. 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 फीसदी प्लॉट.
3. सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास लाभ दिया जाए.
4. हाई पावर कमेटी के जरिये पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए.
5. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: जुमे की नमाज से पहले रात में संभल में पुलिस का फ्लैग मार्च, लोगों से प्रशासन ने की ये अपील