ग्रेटर नोएडा GIMS ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए शुरू की तैयारी, डॉक्टरों और नर्सों को बाल चिकित्सा की दी ट्रेनिंग
GIMS ने 14 और 15 जून 2021 को 30 प्रतिभागियों (डॉक्टरों और नर्सों सहित) के बैच के लिए "बाल रोग में बुनियादी कौशल" में पहली कार्यशाला शुरू की है.
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GIMS) के निदेशक डॉ राकेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि GIMS, ग्रेटर नोएडा एक स्वायत्त सर्वोच्च चिकित्सा संस्थान है, जिसका मिशन समाज के सभी वर्गों को व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. मरीजों की देखभाल में हर स्तर पर सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कोरोना महामारी की पिछली दो लहरों के दौरान, संस्थान ने सर्वोत्त्म देखभाल प्रदान की है और संस्थान में कोविड-19 के 4500 से अधिक रोगियों का प्रबंधन किया गया. तीसरी लहर से सफलतापूर्वक लड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जैसा कि अनुमान लगाया गया है, तीसरी लहर में बच्चे अधिक संक्रमित होंगे और उच्च स्तरीय देखभाल प्रदान करने के लिए, संस्थान ने 50 बाल चिकित्सा आईसीयू बिस्तरों सहित 100 बिस्तरों वाले बाल चिकित्सा देखभाल अलगाव बिस्तर स्थापित किए हैं.
क्षमता निर्माण में सुधार की दृष्टि से, संस्थान ने बाल चिकित्सा कौशल में अधिक डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. संस्थान ने रियल टाइम पीडियाट्रिक स्किल लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसमें अच्छी तरह से सुसज्जित पीआईसीयू, वेंटिलेटर बेड, ऑक्सीजन डिवाइस, वेंटिलेटर और बीआईपीएपी, डिफाइब्रिलेटर, नेबुलाइजेशन, रिससिटेशन प्रोटोकॉल (एनआरपी), बेसिक लाइफ सपोर्ट, इंट्रावेनस थेरेपी, पीडियाट्रिक डोजेज के साथ न्यूबॉर्न कॉर्नर शामिल है.
प्रतिभागियों को इंटरैक्टिव मैनकिन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जहां वे अपनी सही तकनीकों का परीक्षण भी कर सकते हैं. बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, पीपीई किट डोनिंग एंड डोफिंग, एसेप्सिस प्रोटोकॉल जैसे संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के उपायों के लिए अलग सेक्शन बनाया गया है. कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए विभिन्न मॉड्यूल तैयार किए गए हैं. क्षेत्र के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रतिभागियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. संस्थान अन्य अस्पतालों और नर्सिंग कॉलेजों के प्रतिभागियों को बाल चिकित्सा कौशल प्रयोगशाला में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
वहीं डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि GIMS ने 14 और 15 जून 2021 को 30 प्रतिभागियों (डॉक्टरों और नर्सों सहित) के बैच के लिए "बाल रोग में बुनियादी कौशल" में पहली कार्यशाला शुरू की है. इन प्रतिभागियों को एक बीमार बच्चे की पहचान और प्रबंधन के लिए बुनियादी कौशल में व्याख्यान और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया था. प्रतिष्ठित संकायों द्वारा विशेष मामले परिदृश्य बनाए गए, विशेष रूप से कोविड से संबंधित परिदृश्य. बाल चिकित्सा परिप्रेक्ष्य में वेंटिलेटर, सीपीएपी, एचएफएनसी, इंट्रावेनस लाइन, बीएलएस और एसीएलएस के संचालन के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया है.
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