ग्रेटर नोएडा. दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की हवा लगातार खराब बनी हुई है. देश के सबसे प्रदूषित शहरों में ग्रेटर नोएडा पहले नंबर पर है. रविवार को यहां वायु की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई सबसे ज्यादा 418 रहा. वायु गुणवत्ता के मामले में ग्रेटर नोएडा के बाद गाजियाबाद दूसरे और नोएडा तीसरे नंबर पर है. गाजियाबाद में शाम 4 बजे एक्यूआई 407 और नोए़डा में 405 दर्ज किया गया. इसके बाद फरीदाबाद (404) और गुरुग्राम (359) रहे. बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पर नजर रखी जाती है.


सीबीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 108 शहरों में सिर्फ पांच शहरों गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर और कानपुर की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में है.


शनिवार को कैसी रही वायु गुणवत्ता?


शनिवार को भी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' की श्रेणी में दर्ज की गई जबकि फरीदाबाद एवं गुरुग्राम में यह 'खराब' के स्तर पर रही. एजेंसी के मुताबिक, गाजियाबाद में शुक्रवार को गत 24 घंटे का औसत एक्यूआई 391 दर्ज किया गया था जबकि ग्रेटर नोएडा में 376, नोएडा में 386, फरीदाबाद में 328 और गुरुग्राम में एक्यूआई 302 रहा था.


उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई ‘सामान्य’ 201 और 300 के बीच एक्यूआई ‘खराब’, 301 और 400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है. सीपीसीबी ने कहा कि ‘बेहद खराब’ श्रेणी के एक्यूआई में लंबे समय तक रहने पर सांस संबंधी परेशानी हो सकती है जबकि 'गंभीर' स्तर के चलते स्वस्थ और पहले से ही बीमारी से जूझ रहे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.


ये भी पढ़ें:



जानिए यूपी में नए साल का जश्न मनाने के लिए सरकार ने क्या गाइडलाइंस जारी की हैं?


Coronavirus in UP: 24 घंटे में मिले 959 मरीज, लखनऊ में सामने आए सबसे ज्यादा मामले